भटनेर दुर्ग, राजस्थान के हनुमानगढ़ शहर में है। यह थार रेगिस्तान और घग्गर नदी के किनारे बना, देश के सबसे मजबूत व सुरक्षित किलों में से एक रहा जिसने मंगोलों और मुगलों से लेकर अनेक बाहरी आक्रांताओं के हमलों का बखूबी मुकाबला किया।
भटनेर संभवत भाटियों के नगर का अपभ्रंश है। कहा जाता है कि कि 253 ईस्वी में जैसलमेर के भाटी शासक भूपत भाटी ने इस किले का निर्माण करवाया। भाटी राजाओं की शौर्य गाथाओं को अपने सीने में समेटे घग्गर के किनारे खड़े इस दुर्ग ने तैमूर लंग से लेकर महमूद गजनवी तक अनेक आक्रांताओं के हमलों को झेला। यह अनेक चायल, जोइया व राठौड़ शासकों का साक्षी रहा। इस किले की महत्ता को इस बात से ही आंका जा सकता है कि मध्य एशिया से आने वाले मंगोल व अन्य आक्रांता इसी किले की अनदेखी नहीं कर पाये क्योंकि यह मुल्तान से दिल्ली जाने वाले प्रमुख मार्ग में पड़ता है। उस समय हिंदुस्तान के इस छोर को जिन चार किलों ने संभाल रखा था उनमें और हिंद की इस सीमा पर जो किले प्रमुख रहे उनमें बठिंडा, तबरहिंद, सरहिंद व भटनेर का नाम लिया जाता है।