श्री गंगानगर जो अपने गन्नों की मिठास और किन्नू के स्वाद के लिए जाना जाता है। गंगानगर जो तूफान एक्सप्रेस के पहले स्टेशन के लिए चर्चित है। गंगानगर जो दो राज्यों की सीमा व एक अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास बसा है। गंगानगर जहां की तपती दुपहरियों की चर्चा दुनिया करती है। जहां की सर्द रातें मौसमों की परियां भी कंपकपाते हुए गुजराती हैं। गंगानगर जहां के बाशिंदों में दबाकर कमाने का हुन्नर है और दिल खोलकर खर्च करने का हौसला भी। जोहड़ों में नहाकर, डिग्गियों का पानी पीकर बड़े हुए इस इलाके की एक आबादी कब चुनौतियों की नहरों में तैरना सीख जाती है पता ही नहीं चलता।
थार की लुओं से तपकर निखरा यह शहर प्रदेश के किसी भी अन्य शहर की तुलना में अधिक तेजी से माडर्न हुआ है। गंगानगर जहां लोग लिमोजिन को लाकर खेत के ट्यूबवैल पर खड़ी कर देते हैं और जिसके लिए आरजे 13 का नंबर ही अपने आप एक ब्रांड वैल्यू रखता है।
ऐसा ही है राजस्थान का यह शहर श्री गंगानगर। दरअसल श्री गंगानगर शहर की कहानी रामू की ढाणी से शुरू होकर रामनगर और उसके बाद श्री गंगानगर होने तक का सफर है। रामू की ढाणी अब शहर का एक भाग पुरानी आबादी होकर रह गया है। उसके बाद यहां बहने वाली नहरों में बहुत पानी बह चुका है। नाथों के डेरे अब शहरी आबादी का हिस्सा हो गए हैं और कुत्ता लिकनी ए माइनर के रूप में कंकरीट वाली छतों के नीचे नीचे बहती है।
गंगानगर और इसकी विशेषताओं के बारे में जानने के लिए कृपया वीडियो देखें।