विदेश व्यापार नीति

विदेश व्यापार नीति (Foreign Trade Policy 2015-20) की घोषणा एक अप्रैल 2015 को की जिसके तहत साल 2020 तक भारत को बड़ा व्यापारिक देश बनाने का लक्ष्य रखा गया है.

इस नीति के तहत देश से वस्तुओं व सेवाओं का निर्यात बढाकर 900 अरब डालर तक पहुंचाने तथा विश्व व्यापार में भारत की भागीदारी दो प्रतिशत से बढ़ाकर 3.5 प्रतिशत करने का लक्ष्य करना शामिल है. इसमें दो नयी योजनाओं की घोषणा भी है. नीतिगत बदलाव के तहत विदेश व्यापार नीति की समीक्षा अब ढाई साल पर होगी. अब तक यह समीक्षा सालाना होती थी.

The Minister of State for Commerce & Industry (Independent Charge), Smt. Nirmala Sitharaman releasing the ?Foreign Trade Policy 2015-2020?, in New Delhi on April, 01, 2015.  The Commerce Secretary, Shri Rajeev Kher and other dignitaries are also seen.

वाणिज्य व उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमन ने 2015 से 2020 तक की इस पंचवर्षीय विदेश व्यापार नीति को जारी किया. उन्होंने कहा कि सरकार ने विनिर्माण, रोजगार सृजन को बढ़ावा देने तथा कारोबार सुगमीकरण के लिए इस नीति को अपने ‘मेक इन इंडिया’ और ‘डिजिटल इंडिया’ जैसे महत्वपूर्ण अभियानों से जोड़ा है.

सीतारमन ने कहा कि निर्यात प्रोत्साहन के लिए विदेश व्यापार नीति में कई तरह की योजनाओं को शामिल किया जाएगा. उन्होंने इस संदर्भ में भारत से वस्तु निर्यात योजना (एमईआईएस) और भारत से सेवा निर्यात योजना (एसईआईएस) की शुरू करने की घोषणा की.

वाणिज्य सचिव राजीव खेर के अनुसार सरकार देश से वस्तुओं और सेवाओं का निर्यात 2013-14 के 465.9 अरब डालर से बढ़ाकर 2019-20 तक 900 अरब डालर तक पहुंचाने का लक्ष्य लेकर चल रही है.

विश्व व्यापार में भारत की भागीदारी बढ़ाने और विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के तहत दायित्वों को निभाने के उद्देश्य से विदेश व्यापार नीति में कई संस्थानों की स्थापना करने का भी प्रस्ताव किया गया है. इसमें व्यापार परिषद और राष्ट्रीय व्यापार सुविधा समिति जैसे कई संस्थान शामिल हैं.

नीति के तहत अन्य प्रोत्साहनों में सरकार ने अब शुल्क क्रेडिट पर्चियों को पूरी तरह से हस्तांतरणीय बनाने की घोषणा की है. यानी अब इन्हें अब सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क और सेवाकर भुगतान के लिये इस्तेमाल किया जा सकेगा.[pic curtsy]

Author: sangopang

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *