इन दिनों इंटरनेट पर आने वाले तथा आने की इच्छा रखने वाले सबसे पहले जिन वेबसाइटों का नाम सुनते हैं उनमें फेसबुक भी शामिल है. हो भी क्यों नहीं यह दुनिया की सबसे बड़ी सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट जो है. यह इंटरनेट अपनी तरह की एक आभासी दुनिया है जिसमें लोग मिलते हैं, बाते करते हैं तथा विभिन्न मुद्दों को लेकर अपनी राय रखते हैं.
औपचारिक रूप से इसका सदस्य बनने के लिए कम से कम 13 साल की आयु होनी चाहिए.
फेसबुक की शुरुआत द फेसबुक के रूप में चार फरवरी 2004 को हुई. इसका मुख्यालय मेनलो पार्क, कैलिफोर्निया अमेरिका में है. इसकी स्थापना हार्वर्ड विश्वविद्यालय के पांच सहपाठी छात्रों ने की जिनमें मार्क जुकरबर्ग, एदुरादो सेवरिन, एंड्रयू मैकलम, डस्टिन मोस्कोवित्ज व क्रिस हयूजेस शामिल हैं. शुरु में यह वेबसाइट केवल हार्वर्ड के विद्यार्थियों के लिए थी. हालांकि बाद में इसे कुछ और विश्वविद्यालयों और स्कूलों, फिर समूचे क्षेत्र और धीरे धीरे समूची दुनिया के लिए खोल दिया गया. यानी अब दुनिया भर में कोई भी इसका सदस्य बन सकता है. इस पर पेज बना सकता है. इसमें किसी एक व्यक्ति के दोस्तों की अधिकतम औपचारिक संख्या पांच हजार है.
हालांकि जुकरबर्ग पर उनके कुछ सहपाठियों ने उनके आइडिया चुराने का भी आरोप लगाया. इस सारे विवाद पर 2010 में एक फिल्म द सोशल नेटवर्क भी बनी. जुकरबर्ग ने इस फिल्म में कई त्रुटियां बताते हुए इसकी आलोचना की थी.
खैर, लगभग दस साल में ही यानी जून 2014 तक इसके सदस्यों या इस्तेमाल करने वालों की संख्या 1.3 अरब तक पहुंच गई. फेसबुक फरवरी 2012 में आईपीओ यानी शुरुआती पेशकश के साथ बाजार में उतरी और तीन महीने बाद शेयर बाजारों में सूचीबद्ध हुई. तब इसका बाजार पूंजीकरण 104 अरब डालर आंका गया. यह दुनिया की सबसे बड़ी ही नहीं बल्कि प्रतिष्ठित कंपनियों में शामिल है.
इसके सदस्यों या उपयोक्ताओं की संख्या 1.3 अरब है और 2014 में इसका वैश्विक आर्थिक असर 227 अरब डालर रहा. इसके अलावा इसके जरिए 45 लाख रोजगारों पर असर पड़ा. फेसबुक की ओर से परामर्श फर्म डेलायट ने यह अध्ययन ‘फेसबुक का वैश्विक आर्थिक असर’ किया. फेसबुक की ओर से यह अध्ययन परामर्श फर्म डेलायट ने किया.
फेसबुक भारत में
भारत फेसबुक के सबसे महत्वपूर्ण बाजारों में से एक है अमेरिका के बाद उसके सबसे अधिक सदस्य या उपयोक्ता भारत में हैं. कंपनी ने मार्च 2014 में कहा था कि भारत में फेसबुक सदस्यों की संख्या दस करोड़ को लांघ गई है. अक्तूबर 2014 में मार्क जुकरबर्ग भारत आए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले. इस यात्रा के दौरान उन्होंने कनेक्टिविटी या इंटरनेट को मानव अधिकार करार दिया.
फेसबुक का भविष्य
सोशल नेटवर्किंग यानी सामाजिक रूप से आप में जुड़े रहने के नित नये विकल्प आ रहे हैं. व्हाटसएप जैसे इन विकल्पों ने कुछ ही साल में अलग पहचान कायम की है. लोग भी फेसबुक से उबने लगे हैं. ऐसे में यह सवाल उठने लगा है कि इसका भविष्य क्या होगा
यह सवाल फेसबुक प्रबंधन के समझ भी मुंह बाये खड़ा है. यही कारण है कि वह अपनी इस वेबसाइट में नित नये फीचर जोड़ता है. कुछ न कुछ नये कदम उठाता है. नवंबर 2014 में फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग से भी यह सवाल पूछा गया तो उनका कहना था कि आने वाले समय में यह एक वीडियो पोर्टल होगी.
यानी कुल मिलाकर फेसबुक एक वीडियो पोर्टल या वेबसाइट में बदल जाएगी.
कैलिफोर्निया में एक कार्यक्रम में जुकरबर्ग ने कहा-अगले पांच साल में फेसबुक का ज्यादातर हिस्सा वीडियो साइट में बदल जाएगा.
उल्लेखनीय है कि फेसबुक ने अपनी तरह के सबसे बड़े सौदे में व्हाटसएप को खरीद लिया. फिर उसने मैसेंजर शुरू किया. इस तरह से वह बाजार में प्रतिस्पर्धी व लोकप्रिय बने रहने के लिए अनेक कदम उठा रही है लेकिन पांच या दस साल बाद इसका क्या स्वरूप होगा यह तो भविष्य के गर्भ में ही छुपा है.