एकलव्य माडल आवासीय विद्यालय

एकलव्य माडल आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) योजना का कार्यान्वयन जनजातीय मंत्रालय कर रहा है। इस योजना का उद्देश्य केंद्रीय विद्यालयों व जवाहर नवोदय विद्यालयों की तर्ज पर देश भर में अनुसूचित जनजाति के बच्चों के लिए विशेष आवासीय विद्यालय खोलना है। देश भर में ऐसे विद्यालयों की संख्या 2013-14 में 110 थी जबकि जून 2017 तक कुल 161 ईएमआर विद्यालय परिचालन में आ चुके। 26 राज्‍यों में स्थित 161 ईएमआर स्‍कूलों में 52 हजार से भी ज्‍यादा आदिवासी विद्यार्थी अध्ययनरत हैं।

दरअसल एकलव्य माडल आवासीय (ईएमआर) विद्यालय योजना वर्ष 1998 में शुरू की गई और योजना का पहला स्‍कूल वर्ष 2000 में महाराष्‍ट्र में खुला। पिछले 17 वर्षों के दौरान कुल मिलाकर 259 विद्यालय स्‍वीकृत किये गए। अनुसूचित जनजाति वर्ग के बच्‍चों के लिए शिक्षा के और ज्‍यादा अवसर उपलब्‍ध कराने के लिए यह योजना शुरू की थी।

सरकार अगले पांच साल में उन सभी 672 प्रखंडों में ईएमआर विद्यालय खोलने के लिए प्रयासरत है जहां कुल आबादी में अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों की तादाद 50 प्रतिशत से ज्‍यादा है।

वर्ष 2010 के मौजूदा ईएमआरएस दिशा-निर्देशों के मुताबिक, ऐसे प्रत्‍येक क्षेत्र में एकीकृत जनजातीय विकास एजेंसी (आईटीडीए)/एकीकृत जनजातीय विकास परियोजना (आईटीडीपी) के तहत कम से कम एक ईएमआर स्‍कूल खोला जाएगा, जहां अनुसूचित जनजाति के लोगों की आबादी 50 प्रतिशत है। इस तरह के स्‍कूली परिसर की स्‍थापना पर 12 करोड़ रुपये की पूंजीगत लागत आने का अनुमान है जिसमें छात्रावास एवं स्टाफ क्वार्टर भी होंगे। वहीं, दूसरी ओर पहाड़ी क्षेत्रों, रेगिस्‍तान एवं द्वीपों में इस तरह के स्‍कूली परिसर की स्‍थापना के लिए 16 करोड़ रुपये तक का प्रावधान किया गया है। इन स्‍कूलों में पहले साल आवर्ती लागत प्रति विद्यार्थी 42,000 रुपये होगी, जिसमें हर दूसरे वर्ष में 10 प्रतिशत की वृद्धि करने का प्रावधान है ताकि महंगाई इत्‍यादि की भरपाई की जा सके।

सरकार का कहना है कि ईएमआर स्‍कूल आदिवासी छात्रों के लिए उत्‍कृष्‍ट संस्‍थानों के रूप में कार्यरत हैं। इन स्‍कूलों में परीक्षाओं के नतीजे जनजातीय क्षेत्रों में मौजूद अन्‍य सरकारी विद्यालयों की तुलना में आम तौर पर बेहतर रहते हैं। ईएमआर स्‍कूलों में कक्षा 10वीं एवं 12वीं की परीक्षा पास करने वाले विद्यार्थियों का औसत आंकड़ा 90 प्रतिशत से भी ज्‍यादा है। ईएमआर स्‍कूलों में शिक्षा ग्रहण करने वाले अनेक विद्यार्थी उच्‍च शिक्षा के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं में भी अच्‍छा प्रदर्शन कर रहे हैं।

मंत्रालय की वेबसाइट यहां देखें

Author: sangopang

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