ई वे बिल प्रणाली जीएसटी के कार्यान्वयन के साथ लागू होनी है। इस (E-way bill) प्रणाली में 50,000 रुपये से ज्यादा कीमत के सामान को राज्य में ही या राज्य के बाहर ले जाने के लिए पहले ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा। वहां से उसका चालान रूपी ईवे बिल मिलेगा।
अधिकारी माल के परिवहन के दौरान रास्ते में कहीं भी इसकी जांच कर सकेंगे। इस तरह के सामान की ढुलाई के लिए अधिकतम 15 दिन का समय दिया जाएगा। यह समय इस आधार पर दिया जाएगा कि माल को कितनी दूरी तक ले जाना है। सौ किलोमीटर तक की दूरी के लिए एक दिन का समय मिलेगा। अगर सामान को 1000 किलोमीटर से ज्यादा दूर ले जाना है तो 15 दिन का समय दिया जाएगा।
मसौदा नियमों के मुताबिक कॉमन पोर्टल पर ई-वे बिल जनरेट होने के बाद सप्लायर माल पाने वाले और ट्रांसपोर्टर को एक अनूठा ई-वे बिल नंबर उपलब्ध कराया जाएगा। प्रारूप नियमों के अनुसार ट्रांसपोर्टर या माल ढुलाई करने वाले व्यक्ति को रसीद या सप्लाई बिल अथवा डिलीवरी चालान के साथ ही ई-वे बिल की कॉपी या इसका नंबर साथ में रखना होगा। इसे या तो बिल के रूप में रखा जाएगा या वाहन में रेडियो फ्रीक्बेंसी आईडेंटिफिकेशन डिवाइस (आरएफआईडी) लगा होने पर इलेक्ट्रानिक मोड में रखना होगा।
इस नियमों के अनुसार टैक्स कमिश्नर या उसकी ओर तैनात अधिकृत किसी अधिकारी को परिवहन के दौरान कहीं भी इस सामान की जांच करने का अधिकार होगा। इस दौरान अधिकारियों को ई-वे बिल की हार्ड कॉपी या इलेक्ट्रानिक मोड में इसे दिखाना होगा। यह अलग बात है कि साफ्टवेयर तैयार नहीं होने के कारण इस प्रणाली को जीएसटी के साथ साथ शायद ही कार्यान्वित किया जा सके।
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