Category: अर्थ सार

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मुद्रा बाजार

मुद्रा बाजार (money market) वह प्रणाली है जिसमें वित्‍तीय तथा अन्य संस्थाओं और व्यक्तियों की अल्पकालीन विनियोग-योग्य अतिरिक्त पूंजी को ऋण चाहने वाली संस्थाओं, व्यक्तियों…

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रेपो दर तथा रिवर्स रेपो दर में अंतर

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा बैंकों को बेचे जाने वाले सरकारी बांडों व प्रतिभूतियों पर अदा की जाने वाली ब्याज दर को रेपो दर कहा जाता…

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वैट

वैट (VAT) यानी मूल्‍य वर्धित कर. यह कर उत्पादन के विभिन्न साधनों को होने वाले भुगतानों जैसे मजदूरी, ब्याज तथा व्यय आदि के जोड़ को…

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हुंडी बिल

हुंडी बिल  (treasury bills) : सामान्यता बजट घाटा पूरा करने हेतु सरकार द्वार प्राप्त किए गए 13 सप्ताह की अल्प अवधि के बैंक से प्राप्त…

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बाजार ऋण

बाजार ऋण (market debt) सरकार द्वारा जनता से प्राप्त किया गया रिण इस श्रेणी में आता है.

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ऋण पत्र

ऋण पत्र  (debt instrument): लिमिटेड कंपनियां लंबी अवधि के लिए निर्धारित ब्याज पर ऋण जुटाने के लिए ऋण पत्र जारी करती हैं.

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लोक ऋण

लोक ऋण (Public debt) : विकास योजनाओं हेतु कर राजस्व से प्राप्त संसाधनों के कम पड़ जाने पर अतिरिक्त वित्तीय संसाधनों को जुटाने हेतु सरकार…

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बाह्य ऋण

बाह्य ऋण (External debt) : विदेशी सरकारों एवं संस्थाओं से सरकार द्वारा प्राप्त किया गया ऋण।

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आंतरिक ऋण

आंतरिक ऋण (Internal debt) :  सरकार द्वारा देश की सीमाओं के भीतर से प्राप्त किया गया ऋण.  यह कर्ज विभिन्‍न तरीकों से जुटाया जाता है.

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बिक्री कर

बिक्री कर (Sales tax) : किसी सामान की बिक्री के मूल्य पर लगाया जाने वाला कर.

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