इरादी आयोग का गठन 1986 में पंजाब व हरियाणा के बीच नदी जल बंटवारे को सुलझाने के लिए किया गया था.
1985 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी तथा अकाली नेता एचएस लोंगोवाल के बीच समझौते के बाद इस आयोग का गठन किया गया और इरादी उस समय उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीश थे.
आयोग ने अपनी अंतरिम रपट 30 जनवरी 1987 को सौंप दी. यह अलग बात है कि इस आयोग ने जनवरी 2010 तक यानी लगभग 24 साल बाद भी अपनी रपट नहीं सौंपी. किसी आयोग के लिए यह रिकार्ड अवधि है जबकि इस दौरान इरादी सेवानिवृत्त भी हो गए थे. पंजाब व हरियाणा का नदी जल विवाद बाद में उच्चतम न्यायालय में भी चला गया.