दो बूंद जिन्दगी की

दो बूंद जिन्दगी की: यह अभियान देश को पोलियो से मुक्‍त कराने के लिए चलाया गया. इसके तहत बच्‍चों को तय तारीख (प्राय: महीने के किसी रविवार को) पोलियो रोधी दवा की दो बूंद पिलाई जाती थी.  इसी से अभियान की थीम ‘दो बूंद जिंदगी की’ बनी.

कहते हैं कि इस अभियान ने देश में पोलियो के प्रति जागरुकता फैलाने तथा इस पर नियंत्रण पाने में बड़ी भूमिका निभाई और भारत अंतत: पोलियो मुक्‍त होने की ओर बढा.

इस अभियान के तहत 23 लाख लोगों ने देश भर में घर घर जा कर बच्चों को पोलियो की 90 करोड़ खुराक दीं. पिछले दस- पंद्रह साल में भारत सरकार ने पोलियो को जड़ से मिटाने के लिए सौ अरब से अधिक रुपए खर्च किए हैं.

Author: sangopang

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