ये दंतेवाड़ा के पूर्व पुलिस अधीक्षक अंकित गर्ग को जनवरी 2012 में वीरता के लिए पुलिस पदक प्रदान किया गया जिससे विवाद खड़ा हो गया.
सामाजिक संगठनों का कहना था कि गर्ग पर सुप्रीम कोर्ट में एक आदिवासी महिला शिक्षक सोनी सोढ़ी को हिरासत में प्रताड़ित करने का मामला चल रहा है तो उन्हें पदक दिया जाना गलत है.
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सोनी सोढ़ी का मेडिकल परीक्षण कोलकाता के नीलरतन सरकारी मेडिकल कालेज एंड हॉस्पिटल में किया गया जहां पाया गया कि ‘उनके गुप्तांगों में गोलियां और पत्थर’ डाले गए.
सोढ़ी की तरफ से दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि सिर्फ़ इतना ही नहीं, उन्हें हिरासत में बिजली के झटके भी दिए गए. इस मामले में सोढ़ी नें अंकित गर्ग को नामज़द अभियुक्त बनाया है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि गर्ग को ये पदक, राजनांदगांव के पुलिस अधीक्षक के तौर पर एक नक्सली हमले का बहादुरी के साथ सामना करने के लिए दिया गया है.