पुणे विश्वविद्यालय के राजनीति शास्त्र विभाग के पूर्व प्रमुख सुहास पलशिकर ने मई 2012 में एनसीईआरटी की पाठ्य पुस्तक में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर से जुड़े कार्टून विवाद के बाद एनसीईआरटी के सलाहकार पद से इस्तीफा दे दिया.
इस विवाद के बाद उनके पुणे स्थित दफ्तर में कुछ लोगों ने तोड़-फोड़ की. रिपब्लिकन पैंथर ऑफ इंडिया ने कहा था कि उसके कार्यकर्ताओं ने यह काम किया. दरअसल ये लोग कार्टून विवाद से खफा थे.
यह कार्टून एनसीईआरटी की किताब में छपा था इसको लेकर संसद में भी हंगामा हुआ. सलाहकार के पद से इस्तीफा देते हुए पलशिकर ने संसद के दोनों सदनों में हुए हंगामे को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया था. उनका कहना था कि लोकतंत्र में बहस की गुंजाइश कम होती जा रही है.
जिस कार्टून पर विवाद हुआ वह जाने-माने कार्टूनिस्ट शंकर ने कई दशक पहले बनाया था. इसमें नेहरू को हाथ में एक चाबुक लिए हुए दिखाया गया है और वह एक घोंघे पर बैठे अंबेडकर का पीछा कर रहे हैं. इस कार्टून में नेहरू अंबेडकर से संविधान पर काम में तेजी लाने के लिए कह रहे हैं. उस कार्टून के नीचे लिखा है कि संविधान बनने में तीन साल लगे तो संविधान सभा को इसका मसौदा तैयार करने में इतना समय क्यों लगा?