अरसला रहमानी अफगानिस्तान के एक वरिष्ठ शांति वार्ताकार थे जिनकी 13 मई 2012 को काबुल में गोली मारकर हत्या कर दी गई.
वे तालेबान सरकार में मंत्री थे और अफगानिस्तान की शांति परिषद के अहम सदस्य भी. यही परिषद अफगानिस्तान की ओर से तालेबान के साथ शांति समझौते के लिए कोशिशों में लगी है.
उनकी मौत राष्ट्रपति हामिद करजई के लिए एक बड़ा झटका है क्योंकि रहमानी तालेबान के कमांडरों तक बात पहुँचाने की दृष्टि से काफी अहम थे.