टीआरपी का फंडा शायद टीवी कंपनियां चलाने वालों को भी कभी समझ में आया होगा लेकिन इतना तय है कि इसने विज्ञापन देने के मामले में बड़ी भूमिका निभाई है.
जिस चैनल या कार्यक्रम की टीआरपी ऊपर, उसे विज्ञापन उतने ही ज्यादा. दरअसल टीआरपी (टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट) से यह जाना जाता है कि कौनसा चैनल या कार्यक्रम सबसे ज्यादा देखा जा रहा है.
तो टीआरपी टीवी कार्यक्रमों की लोकप्रियता मापने का तरीका है जिसमें विभिन्न कार्यक्रमों को अंक दिये जाते हैं. यह काम टेलीविजन आडिएंस मेजरमेंट (टैम) करती है. टैम देश भर में कई छोटे बड़े शहरों में चुनिंदा घरों के टीवी पर एक मीटर लगाती है जो यह रिकार्ड करता है कि आपने कितने देर कौनसा चैनल देखा.
टीआरपी तथा इसकी विश्वसनीयता को लेकर कई बार विवाद हो चुका है. लेकिन फिलहाल तो यह प्रणाली चल ही रही है.