आमतौर पर बजट आगामी वर्ष के लिए सरकारी आय-व्यय के अनुमानित आंकड़ों, गत वर्ष तथा चालू वर्ष की वित्तीय गतिविधयों तथा सरकार की प्रस्तावित आर्थिक नीतियों सम्बन्धी ब्यौरा होता है.
यह संवैधानिक बंदोबस्त है. संविधान के अनुछेच्द 112 के तहत राष्ट्रपति संसद के दोनों सदनों के समक्ष आगामी वित्त वर्ष के लिए भारत सरकार के अनुमानित व्यय और आय का एक विस्तृत विवरण पेश करता है. इस ’वार्षिक वित्तीय विवरण’ को ही बजट कहा जाता है. केंद्र सरकार की ओर से यह बजट वितमन्त्री संसद में प्रायः फरवरी के अन्तिम सप्ताह मे पेश करते हैं. केन्द्र सरकार की राजस्व प्राप्तियों व खर्च की सारी जानकारी इसमें होती है. राज्यों का बजट इसी तरह अलग से पेश किया जाता है.
यानी यूं कहें कि प्रत्येक वितीय वर्ष के सम्बन्ध में भारत सरकार का वार्षिक वितीय विवरण या अनुमानित आय और व्यय का विवरण आम तौर पर बजट कहलाता है. केंद्र स्तर पर लोक सभा में बजट दो रूपों मे आता है. पहले रेलवे की आय व्यय से जुड़ा रेल बजट और दूसरा भारत सरकार की समूची वित्तीय स्थिति वाला बजट.