वीनू माकड़

सांगोपांग हिंदी

भारत के सबसे कुशल आलराउंडर में से एक मुलवंतराय हिम्मतलाल मांकड़ को उनके स्कूल के दिनों के उपनाम वीनू मांकड़ के नाम से जाना जाता है. मांकड़ का जन्म 12 अप्रैल 1917 को गुजरात के जामनगर में हुआ. वह भारत के उन कुछ क्रिकेटरों में शामिल हैं जिन्हें देश के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों या गेंदबाजों की सूची में शामिल करने में किसी को हिचकिचाहट नहीं होगी.

भारत की टेस्ट मैचों में शुरुआती जीतों में मांकड़ ने अहम भूमिका निभायी. कभी उन्होंने अपनी गेंदबाजी तो कभी बल्लेबाजी से खास छाप छोड़ी. भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई में जब अपना पहला टेस्ट जीता तो मांकड़ ने 108 रन देकर 12 विकेट लिये थे. इस श्रृंखला में उन्होंने 16 . 97 की औसत से 34 विकेट चटकाये थे.

परिस्थिति के अनुरूप बल्लेबाजी करने में माहिर मांकड़ की आंख और हाथों के बीच गजब का तालमेल था. उन्होंने अपने अधिकतर रन लेट कट, लेग हिट और कवर ड्राइव से बनाये. भारत की टेस्ट मैचों में शुरुआती जीत में मांकड़ का अहम योगदान रहा. कभी उन्होंने अपनी बल्लेबाजी तो कभी बायें हाथ की स्पिन गेंदबाजी से विपक्षी टीम को चित करके टीम को जीत दिलायी थी.

मांकड़ ने न्यूजीलैंड के खिलाफ 1956 में चेन्नई में जब 231 रन की पारी खेली तो पंकज राय के साथ पहले विकेट के लिये 413 रन की रिकार्ड साझेदारी की थी. इससे पहले इसी श्रृंखला में उन्होंने मुंबई में 223 रन बनाये थे.

इंग्लैंड के खिलाफ लाड्र्स में 1952 में खेली गयी उनकी 184 रन की पारी को भला कौन भूल सकता है. इस मैच में उन्होंने पहली पारी में 72 रन बनाये थे और कुल 97 ओवर गेंदबाजी करके 231 रन देकर पांच विकेट लिये थे. इससे पहले 1948 में उन्होंने आस्ट्रेलिया के खिलाफ दो शतक जड़े थे. वीनू मांकड़ ने अपने करियर में 44 टेस्ट मैच खेले जिसमें उन्होंने 31.47 की औसत से 2109 रन बनाये जिसमें पांच शतक शामिल हैं. उन्होंने बायें हाथ के स्पिनर के तौर पर 32 .32 की औसत से 162 विकेट भी लिये. मांकड़ 21 अगस्त 1978 को 61 साल की उम्र में चिरनिद्रा में लीन हो गये थे. उनके बेटे अशोक मांकड़ भी भारत की तरफ से टेस्ट क्रिकेट खेले.

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Author: sangopang

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