सलीम दुर्रानी यानी बायें हाथ का बेहतरीन बल्लेबाज जो किसी भी तरह के गेंदबाज को पूरे साहस के साथ हिट कर सकता था. बायें हाथ का स्पिन गेंदबाज जो अपनी फ्लाइट और लाइन में बदलाव से बल्लेबाजों को गच्चा देने में माहिर था.
दुर्रानी अपनी बल्लेबाजी की तरह गेंदबाजी में भी आक्रामक रवैया अपनाते थे और हमेशा इस तरह की गेंद करते थे जो बेहतरीन फार्म में चल रहे बल्लेबाज को परेशानी में डाल देती थी. जब दुर्रानी स्कूल में पढ़ते थे तभी उन्होंने सौराष्ट्र की तरफ से अपने पहले रणजी मैच में ही गुजरात के खिलाफ 108 और 41 रन बनाये थे.
दुर्रानी के बारे में कहा जाता है कि वह दर्शकों की मांग पर छक्के जड़ते थे. उन्होंने 1961.62 में इंग्लैंड के खिलाफ भारत की जीत में अहम भूमिका निभायी थी. कोलकाता में चैथे मैच में उन्होंने 113 रन देकर आठ और मद्रास में पांचवें मैच में 177 रन देकर दस विकेट लिये थे.
इसके बाद कैरेबियाई दौरे में उन्होंने श्रृंखला में 17 विकेट लिये और 259 रन बनाये जिसमें उनका एकमात्र टेस्ट शतक 104 रन भी शामिल है जो उन्होंने पोर्ट आफ स्पेन में चैथे टेस्ट मैच में बनाया था. इंग्लैंड के अपने अगले दौरे में उन्होंने 230 रन बनाये लेकिन 11 विकेट ही ले पाये और उनकी जगह बिशन सिंह बेदी ने ले ली. दुर्रानी ने अपने करियर में 29 टेस्ट मैच में 1202 रन बनाये और 75 विकेट लिये.