जीएसटी में कंपोजीशन स्कीम का विकल्प है। इसमें एक निश्चित सालाना कारोबार वाले कारोबार एकमुश्त कर भुगतान कर सकते हैं।
जीएसटी परिषद की 11 जून 2017 को हुई बैठक में लघु और मध्यम उद्यमियों को बड़ी राहत देते हुए कंपोजीशन स्कीम की सीमा बढ़ाई गई और इसे सालाना 75 लाख रुपये करने का फैसला किया गया। परिषद ने छोटे कारोबारियों को राहत देने के लिए कंपोजीशन स्कीम का दायरा बढ़ाकर उन व्यापारियों, विनिर्माताओं और रेस्त्रां मालिकों को भी इसमें शामिल कर लिया गया है जिनका सालाना कारोबार 75 लाख रुपये है। इससे पहले यह सीमा 50 लाख रुपये प्रस्तावित थी। इसका मतलब यह है कि 75 लाख रुपये तक का कारोबार करने वाले व्यापारियों को मात्र एक प्रतिशत जीएसटी देना होगा। जबकि विनिर्माण इकायों को दो प्रतिशत और रेस्त्रां को पांच फीसद जीएसटी देना होगा।
इस तरह सालाना 20 लाख रुपये तक के कारोबार को जीएसटी से पूरी तरह छूट प्राप्त है। वहीं, 75 लाख रुपये तक का कारोबार करने वाले व्यापारी कंपोजीशन स्कीम का लाभ ले सकेंगे। इस योजना के तहत 1, 2 तथा 5 फीसद की दर से कर का भुगतान किया जा सकता है। हालांकि इस योजना के लाभ लेने के भी तय नियम हैं।
उल्लेखनीय है कि जीएसटी में सभी वस्तुओं और सेवाओं के लिए चार कर श्रेणियों 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत की हैं। जबकि कुछ वस्तुओं व सेवाओं को करमुक्त रखा गया है।
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