जीएसटी क्या है? या जीएसटी का मतलब क्या है? दरअसल जीएसटी अंग्रेजी के तीन शब्दों जीएसटी (GST- Goods and Services Tax) से बना है। हिंदी में इसे वस्तु व सेवा कर या माल व सेवा कर भी लिखा जाता है। हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 जून 2017 को संसद के केंद्रीय कक्ष में जीएसटी की शुरुआत के समय इसे अच्छा व सरल कर (Good and simple tax) भी करार दिया।
वस्तु व सेवा कर यानी जीएसटी (GST) एक कर प्रणाली है। अप्रत्यक्ष कर प्रणाली, जो देश में एक जुलाई 2017 से लागू हो गई। इस कानून की सबसे प्रमुख बात यह है कि यह देशव्यापी है हालांकि जम्मू कश्मीर में जीएसटी का कार्यान्वयन कुछ दिन बाद में हुआ। इससे एक देश एक कर कानून की धारणा को अमली जामा पहनाया गया। समूचे देश में एक ही तरह अप्रत्यक्ष कर लगता है। इस कानून से समूचा देश उत्पाद व सेवाओं के लिहाज से एक या सिंगल बाजार में बदल गया है।
इसके कार्यान्वयन से एक बड़ा बदलाव यह हुआ कि केंद्रीय उत्पाद शुल्क, सेवा कर व वैट जैसे मौजूदा अप्रत्यक्ष कर जीएसटी में सम्माहित हो गए।
भारत के संदर्भ में बात की जाए तो यह एक अप्रत्यक्ष कर प्रणाली है जो देश भर में लागू हुई। जीएसटी पूरे देश के लिए एक अप्रत्यक्ष कर है जिसने समूचे देश को एक बाजार बना दिया। दरअसल जीएसटी विनिर्माता से लेकर उपभोक्ता तक वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर एक एकल कर है। प्रत्येक चरण पर भुगतान किये गये इनपुट करों का लाभ मूल्य संवर्धन के बाद के चरण में उपलब्ध होता है प्रत्येक चरण में मूल्य संवर्धन पर जीएसटी को आवश्यक रूप से एक कर बना देता है। अंतिम उपभोक्ताओं को इस प्रकार आपूर्ति श्रृंखला में अंतिम डीलर द्वारा लगाया गया जीएसटी ही वहन करना होता है। इससे पिछले चरणों के सभी मुनाफे समाप्त हो गई।
जीएसटी के कार्यान्वयन से समूचा देश एक बाजार बना है और एक जैसा ही अप्रत्यक्ष कर लगेगा। इसीलिए इसे ‘एक राष्ट्र, एक बाजार, एक कर’ के रूप में प्रचारित किया गया।
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