राष्ट्रीय वयोश्री योजना गरीबी रेखा से संबद्ध वरिष्ठ नागरिकों को शारीरिक सहायता व जीवन यापन के लिए आवश्यक उपकरण प्रदान करने वाली की योजना है। इसकी शुरुआत एक अप्रैल 2017 को आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले में एक अप्रैल 2017 को किया गया।
यह सार्वजनिक क्षेत्र की केन्द्रीय योजना है जिसके लिए पूर्ण रूप से केन्द्र सरकार द्वारा अनुदान दिया जाता है।
योजना के कार्यान्वयन के लिए अनुदान ‘वरिष्ठ नागरिक’ कल्याण कोष से मिलेगा। इसका प्रस्ताव 2015—16 के आम बजट में किया गया था। इस योजना के लिए आगामी तीन वर्षों (वित्त वर्ष 2019-20 तक) के लिए अनुमानित वित्तीय खर्च 483.6 करोड़ रुपये है। देश में अपनी तरह की पहली महत्वाकांक्षी योजना से आगामी तीन वर्ष में करीब 5,20,000 वरिष्ठ नागरिकों को फायदा मिलने की उम्मीद है।
इस योजना के तहत वरिष्ठ नागरिकों के लिए शारीरिक सहायता व जीवन यापन के लिए आवश्यक उपकरणों का वितरण शिविरों के माध्यम से किया जाएगा। इस योजना का कार्यान्वयन भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (सामाजिक अधिकारिता एवं न्याय मंत्रालय के अंतर्गत एक सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम) के जरिए किया जा रहा है।
वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में वरिष्ठ नागरिकों की आबादी 10.38 करोड़ है। 2015—16 के बजट में की गई घोषणा के अनुसार राष्ट्रीय वयोश्री योजना तैयर की गई है। इसका उद्देश्य आयु संबंधी बीमारियों (कम दृष्टि, सुनने में परेशानी, दांतों का टूट जाना एवं गतिरोध विकलांगता आदि) का सामना कर रहे है बीपीएल श्रेणी से संबद्ध बुज़ुर्गों को जीवन यापन के लिए आवश्यक उपकरण प्रदान कर उनके जीवन को सामान्य अथवा सामान्य के करीब लेकर आना है।
- योजना के तहत निम्न उपकरण उपलब्ध कराए जाते हैं:
चलने की छड़ियां
कोहनी बैसाखियां
वाकर (चलने का उपकरण)/बैसाखी
तिपाई/क्वाडपोड
सुनने की मशीन
पहिये वाली कुर्सी (व्हील चेयर)
कृत्रिम दांत एवं जबड़ा
चश्मा