केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी मॉडल स्कूल योजना के तहत स्थापित मॉडल स्कूल सूरतगढ़, राजस्थान के मॉडल स्कूलों में नंबर वन है। यह अपनी तरह का एकमात्र स्कूल है जिसे आईएसओ प्रमाणन मिला है। फिलहाल स्कूल का परिचालन माध्यमिक शिक्षा परिषद कर रही है और इसका नाम भी स्वामी विवेकानंद माडल गवर्नमेंट मॉडल स्कूल कर दिया गया है। राजस्थान में इस तरह के सवा सौ से अधिक माडल स्कूल परिचालन में हैं।
विद्यालय में छठी से 12 वीं कक्षा तक केवल अंग्रेजी माध्यम से सीबीएसई पाठ्यक्रम के आधार पर पढ़ाई होती है। शिक्षा पूरी तरह से नि:शुल्क है।
प्रवेश: मॉडल स्कूल में प्रवेश वरीयता, मेरिट के आधार पर छठी व नौंवी कक्षा में होता है। इसमें विभिन्न वर्गों के लिए कोटा तय है। हर कक्षा में दो सेक्शन व एक सेक्शन में 40 बच्चे होते हैं। सह शिक्षा की व्यवस्था है यानी लड़के लड़की दोनों साथ पढ़ते हैं। विद्यालय में शिक्षा के साथ साथ सह शैक्षणिक गतिविधियों पर विशेष जोर दिया जाता है ताकि बच्चों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित हो।
भवन: लगभग तीन करोड़ रुपए की लागत से बने शानदार विद्यालय भवन में माडल स्कूल सूरतगढ़ की शुरुआत 2014 के शैक्षणिक सत्र से हुई। इसके प्रधानाचार्य परमवीर सिंह थिंद हैं जिन्होंने विद्यालय को राज्य में अलग पहचान बनाने में अपनी टीम के साथ बड़ी भूमिका निभाई है। यह विद्यालय कई मायनों में निजी स्कूलों से कहीं अच्छी सुविधाएं व शिक्षा प्रदान करने की कोशिश कर रहा है। अपनी उत्कृष्ट व्यवस्थाओं के चलते ही इस विद्यालय को प्रदेश में नंबर वन आंका गया है और यह आईएसओ प्रमाणन वाला अपनी तरह का पहला व एकमात्र स्कूल है।
कहां है: सूरतगढ़ में यह विद्यालय प्राचीन बाबा रामदेव मंदिर वाली सड़क पर ही मंदिर से थोड़ा आगे दायीं ओर है। इसके साथ ही शारदे बालिका छात्रावास बना हुआ है।
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मॉडल स्कूल योजना:
मूल रूप से मॉडल स्कूल योजना केंद्र सरकार की योजना थी जिसकी घोषणा तत्कालीन प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त 2007 के अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में की। इस योजना का उद्देश्य शिक्षा के लिहाज से पिछले ब्लाक या ईबीबी में कम से कम एक मॉडल स्कूल स्थापित करना था। देश भर में कुल मिलाकर 6000 ऐसे स्कूल स्थापित होने थे। योजना की शुरुआत नवम्बर, 2008 में हुई। हालांकि बाद में इस योजना को पूरी तरह से राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को हस्तांतरित कर दिया गया। केंद्रीय विद्यालयों की तर्ज पर आधारित इन विद्यालयों में छठी से दसवीं तक सीबीईसी पाठ्यक्रम की अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई होती है।
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