कैसा होगा भविष्‍य का समाज

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देश की प्रमुख आईटी कंपनी टीसीएस ने इंटरनेट आफ थिंग्‍स को प्रौद्योगिकी जगत में तीसरी सबसे प्रमुख लहर करार दिया है. कंपनी के प्रमुख ए चंद्रशेखरन ने जनवरी 2015 में दावोस में विश्‍व आर्थिक मंच की बैठक में कहा कि भविष्‍य में इंटरनेट आफ थिंग्‍स हर कंपनी, उद्योग और यहां तक की समाज में आमूल चूल बदलाव लाएगा.

एक अनुमान के अनुसार 2020 तक 50 अरब से अधिक डिवाइस या उपकरण आपस में जुड़े होंगे. इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि आने वाले दिनों का समाज कैसा होगा, वह किस तरह बात करेगा और कैसे कारोबार करेगा.

उन्‍होंने कहा कि प्रौद्योगिकी क्ष्‍ोत्र की पहली लहर डब्‍ल्‍यू डब्‍ल्‍यू डब्‍ल्‍यू या वर्ल्‍डवाइड वेब थी जिसे सूचनाओं के स्रोतों को आपस में जुड़ने का मौका दिया.

दूसरी लहर ने व्‍यक्तियों या इकाइयों को आपसे में कनेक्‍ट होने की अनुमति दी. तीसरी लहर इंटरनेट आफ थिंग्‍स है जिसने घरों, कार्यालयों, कारखानों व शहरों में बहुत सारे इलेक्ट्रिक्‍ल और इलेक्‍ट्रानिक्‍स उपकरणों को आपस में जोड़ दिया है.

दावोस में आयोजित विश्‍व आर्थिक मंच जनवरी 2015 में एक कार्यक्रम में भाग लेते हुए एरिक श्‍मिट ने कहा कि शीघ्र ही इंटरनेट हमारे जीवन के हर पहलू में इस तरह से घुल मिल जाएगा कि वह एक तरह से ‘लुप्‍त’ हो जाएगा. यानी उसे जीवन से अलग करके नहीं देखा जा सकेगा.

विभिन्‍न तरह के सेंसरों व उपकरणों के बढते इस्‍तेमाल का जिक्र करते हुए उन्‍होंने कहा कि धीरे धीरे वे हमारे जीवन में इस तरह घुल मिल जाएंगे कि हम उन्‍हें अलग से चिन्हित करना ही छोड़ देंगे. उन्‍होंने कल्‍पना की कि एक बहुत ही निजीरूप, संवादमूलक तथा रुचिकर समाज सामने आएगा.

Author: sangopang

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