क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी के आधार कार्ड को लेकर एक बार खासा बवाल पैदा हो गया। दरअसल यह विवाद हुआ जब आधार कार्ड के लिए भरे धोनी के फार्म को ट्वीटर पर डाल दिया गया। घटना 29 मार्च 2017 की है।
हुआ यूं कि आधार कार्ड बनाने वाली एक टीम धोनी के घर गई और आधार के लिए नामांकन की प्रक्रिया की। इस प्रक्रिया की जानकारी व फोटो टवीटर पर डाले गए। दिक्कत यह हो गई कि कामन सर्विस सेंटर ने धोनी द्वारा भरे गये आधार फार्म के फोटो भी टवीट कर दी। केंद्र में आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इसे रिटवीट किया।
हालांकि धोनी की पत्नी साक्षी सिंह ने आधार फार्म का फोटो टवीट किए जाने पर आपत्ति जताई और टवीटर पर मंत्री से शिकायत की और इसे निजता का हनन बताया। मंत्री ने खेद जताते हुए रिटवीट डिलिट कर दिया और कार्रवाई का आश्वासन दिया। मामला राज्यसभा में भी उठा और सरकार ने कहा कि धोनी के आधार कार्ड से जुड़ी जानकारियों के लीक मामले में संबंधित एजेंसी पर दस साल का बैन लगा दिया है।
वहीं आधार प्राधिकार यूआईडीएआई ने कहा कि इस मामले की जांच आधार कानून के तहत की जाएगी ताकि यह पता लगाया जा सके कि इसमें किसी बाहरी का हाथ तो नहीं है।