नार्वे। अगर किसी अध्ययन के निष्कर्षों से किसी देश की खुशहाली को आंका जा सकता है तो नार्वे दुनिया का सबसे खुशहाल देश है। यह निष्कर्ष वर्ल्ड हैपीनेस रपट 2017 में निकाला गया है। 2016 में नार्वे इस सूची में चौथे व डेनमार्क पहले स्थान पर था। संयुक्त राष्ट्र की ओर से यह रपट 20 मार्च को वर्ल्ड हैपीनेस डे पर जारी की जाती है।
इस सूची को तैयार करने के लिए देश विशेष में लोगों की समृद्धि संपन्नता, सामाजिक सुरक्षा, सरकार व उद्योगों में भ्रष्टाचार, समानता के स्तर व सरकार पर लोगों के विश्वास आदि को ध्यान में रखा जाता है।
इस लिहाज से भारत की बात की जाए तो वह 122वें स्थान पर है। यानी बहुत नीचे है। खुशहाली के मामले में भारत अपने पड़ोसी देश पाकिस्तान, नेपाल, चीन, भूटान, बांग्लादेश और श्रीलंका से भी पिछड़ गया है। इसमें पाकिस्तान 80वें स्थान पर, नेपाल 99वें, भूटान 97वें, बांग्लादेश 110वें, जबकि श्रीलंका 120वें स्थान पर है।
यह सालाना रपट 2012 में पहली बार आई थी। इसमें 155 देशों को आंका गया है। मालदीव को विश्व खुशहाली रपट में जगह ही नहीं मिल पाई है। जबकि सूची में अफ्रीका के कुछ देशों के अलावा सीरिया और यमन सबसे नीचली पायदान पर हैं। यह रपट सस्टेनेबल डेवलेपमेंट सॉल्यूशन नेटवर्क (SDSN) तैयार करता है।
खुशहाली देशों की सूची में दस शीर्ष देश इस प्रकार हैं:
- 1. नार्वे
- 2. डेनमार्क
- 3. आइसलैंड
- 4. स्विटजरलैंड
- 5. फिनलैंड
- 6. नीदरलैंड
- 7. कनाडा
- 8. न्यूजीलैंड
- 9. आस्ट्रेलिया
- 10. स्वीडन