अमरकोट (amarkot) का बड़ा संबंध अकबर से है. यह अकबर का जन्म स्थान है.
अमरकोट, सिंध का एक नगर और राज्य, जहां 23 नवंबर 1542 ई. को अकबर का जन्म हिन्दू राजा राणा प्रसाद की शरण में हुआ. मार्च 1843 ई. में सर चार्ल्स ने पियर के नेतृत्व में भारत की अंग्रेजी सेना ने उस पर कब्जा कर लिया और उसके साथ ही पूरे सिंध पर अंग्रेजों का अधिकार हो गया. पाकिस्तान में है.
फिलहाल अमरकोट पश्चिमी पाकिस्तान के सिंध प्रांत में है. यह दिल्ली से सिंध जाने वाले मार्ग पर थारपारकर का मुख्य स्थान है. थारपारकर की गाएं पसंद हैं. अमरकोट में आज भी हिंदू राजपूत रहते हैं. अंग्रेजी में इसे Umerkot भी लिखा जाता है और कई बार लोग नाम को लेकर संशय में भी पड़ जाते हैं.
कहा जाता है कि गुजरात के हमीर जाडेजा का ससुराल अमरकोट (सिंध) आया हुआ था. उसका विवाह अमरकोट के राणा वीसलदे सोढा की पुत्री से हुआ था. इसी राणा वीसलदे के पुत्र महेंद्र व मूमल की प्रेम कहानी बहुत चर्चित है.
उल्लेखनीय है कि फरवरी 2014 में कानोता ठिकाने (राजस्थान) की पद्मिनी राठौड़ और अमरकोट के कुंवर करणी सिंह सोडा की शादी हुई थी. करणी सिंह, राणा हमीर सिंह सोडा (पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के सदस्य) के बेटे हैं.