आपूर्ति की तुलना में मांग कम होने पर उत्पादों की कीमतें घटती हैं जिसे मंदी का द्योतक माना जाता है. ऐसी स्थिति में लोगों के पास धन की कमी हो ज ती है या उनकी क्रय क्षमता घट जाती है. वस्तुओं में माल की बहुतायत होती है और क्रेताओं का टोटा.
मंदी अर्थव्यवस्था के लिये नुकसानदायक होती है क्योंकि इसका असर उद्योग धंधों पर पडता है. उद्योग धंधे बंद होते हैं तो बेरोजगारी बढती है जो अपने साथ अनेक तरह की परेशानियां लेकर आती है. शायद यही कारण है कि मंदी को मुद्रास्फीति से भी घातक माना जाता है.