डॉ जेसी कुमारप्पा ने ‘इकनामी आफ परमानेंस’ किताब लिखी. वे भारतीय जीवन शैली को रीवर इकनामी कहते थे और पाश्चात्य जीवन शैली को (बकेट) बाल्टी इकनामी.
उन्होंने भारतीय ग्रामोद्योग संघ की स्थापना में बड़ी भूमिका निभाई. भारतीय ग्रामोद्योग संघ की स्थापना का फैसला 1934 के कांग्रेस सम्मेलन में किया गया था.