टैलेंट इज ओवररेटेड

talent

यह ज्‍याफ कोलविन (Geoff Colvin) की कथेतर किताब है जो यह पड़ताल करती है कि कुछ लोग अपने जीवन में क्‍यों बेहद सफल हो जाते हैं.

कोलविन ‘टेलेंट इज ओवररेटेड’ में सफलता की सीढि़यों की पड़ताल करते हुए इसका श्रेय ‘निर्दिष्‍ट या उद्देशित मेहनत’ को देते हैं. यह मेहनत, सामान्‍य मेहनत से कहीं अधिक केंद्रित व उद्देशित होती है. इनका कहना है कि कुछ लोग अच्‍छा प्रदर्शन करते हैं लेकिन बहुत कम लोग ही सर्वश्रेष्‍ठ या महान् प्रदर्शन करते हैं.

इस अवधारणा का सार यही है कि ग्रेट परफारमेंस या उपलब्धियां किन्‍हीं व्‍यक्ति विशेष के लिए नहीं है बल्कि आम लोग भी उन्‍हें पा सकते हैं बशर्ते कि निर्दिष्‍ट मेहनत (deliberate practice) की जाए.

उनका कहना है कि प्रतिभा जन्‍म के साथ नहीं आती. चाहे टाइगर वुड्स हो या विंस्‍टल चर्चिल या वारेन बुफे अथवा जैक वेल्‍श .. कोई जन्‍म से ही महान नहीं होता. न ही यह आनुवांशिक है, बल्कि दीर्घकालिक मेहनत व अध्‍यवसाय यानी कृतसंकल्‍प से ही सफल, महान् या आऊटलियर बना जा सकता है. यहां कठोर मेहनत से तात्‍पर्य दादा-नाना या अन्‍य बड़े बुजुर्गों द्वारा सुझाए जाने वाले पारंपरिक तौर तरीकों की मेहनत से नहीं है.

यहां उनका मंतव्‍य एक व्‍यवस्थित व वैज्ञानिक तरीके से की जाने वाली मेहनत से है जिसमें हम अपनी प्रगति की समीक्षा करते हुए गलतियों से सीखते हैं न कि उन्‍हें दोहराते हैं. इस तरह से हम अपना श्रेष्‍ठ प्रदर्शन करते हैं.

Author: sangopang

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *