भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश ने 2011 में दसवें विश्व कप की मेजबानी की थी. पहले पाकिस्तान भी विश्व कप की मेजबानी में शामिल था लेकिन अधिकतर देशों ने सुरक्षा कारणों से वहां जाने से इन्कार कर दिया जिसके बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने उसे मेजबानी से हटा दिया था. यह पहला अवसर था जबकि बांग्लादेश विश्व कप का सह मेजबान बना था. इस टूर्नामेंट में 14 टीमों ने भाग लिया जिन्हें सात . सात के दो ग्रुप में बांटा गया. इस बार सुपर आठ की बजाय सीधे क्वार्टर फाइनल मैच कराये गये.
प्रत्येक ग्रुप से चोटी पर रहने वाली चार टीमें क्वार्टर फाइनल में पहुंची थी. ग्रुप ए से पाकिस्तान, श्रीलंका, आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जबकि ग्रुप बी से दक्षिण अफ्रीका, भारत, इंग्लैंड और वेस्टइंडीज ने अंतिम आठ में जगह बनायी थी.
महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई वाली भारतीय टीम ने यह विश्व कप यादगार बना दिया था. भारत 1983 के बाद दूसरी बार विश्व चैंपियन बनने में सफल रहा था और इस तरह से सचिन तेंदुलकर का विश्व कप विजेता टीम का हिस्सा बनने का सपना पूरा हो गया था. भारत ने ग्रुप बी में छह में से चार मैच जीते जबकि इंग्लैंड के खिलाफ खेला गया मैच टाई छूटा था. भारत लीग चरण में केवल दक्षिण अफ्रीका को नहीं हरा पाया था. भारतीय टीम ने क्वार्टर फाइनल में आस्ट्रेलिया को पांच विकेट से और फिर मोहाली में खेले गये सेमीफाइनल में अपने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को दोनों देशों के राजनेताओं की उपस्थिति में 29 रन से मात दी थी.
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फाइनल मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेला गया जिसमें भारत ने श्रीलंका को छह विकेट से पराजित किया था. श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए छह विकेट पर 274 रन बनाये. भारत ने 48.2 ओवर में चार विकेट पर 277 रन बनाकर जीत दर्ज की थी. धोनी को फाइनल में मैन आफ द मैच जबकि युवराज सिंह को उनके आलराउंड प्रदर्शन के लिये विश्व कप का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया था.