च्‍यो छुनफेइ: इस्‍तीफे ने बदली किस्‍मत

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च्‍यो छुनफेइ इस समय लगभग आठ अरब डालर की मालिक हैं और फोर्ब्‍स पत्रिका ने उन्‍हें चीन की सबसे धनी महिला माना है. उनकी कंपनी टचस्‍क्रीन बनाती हैं जिनका इस्‍तेमाल एप्‍पल से लेकर सैमसंग जैसी प्रमुख कंपनियों के मोबाइल, टैबलेट में होता है. मीडिया में उन्‍हें ‘मोबाइल फोन ग्‍लास की महारानी’ कहा जाता है.

लेकिन च्‍यो कोई मुंह में सोने का चम्‍मच लेकर पैदा होने वाले बच्‍चों में नहीं रहीं. इस मुकाम तक पहुंचने की कहानी में उनकी लगन, मेहनत और दूरदर्शिता छुपी है. वे 45 साल की हैं और उनकी उपलब्धि बताती है कि जमीन से जुड़े रहकर, लगन से क्‍या नहीं हासिल किया जा सकता.

दरअसल च्‍यो छुनफेइ (zhou qunfei) का जन्‍म चीन के दूरदराज के एक गांव में हुआ और उनका बचपन बहुत गरीबी व संकट में बीता. जब वे पांच साल की थीं तो उनकी मां चल बसीं और एक हादसे में उनके पिता की आंखों की रोशनी लगभग चली गई. पिता ने उन्‍हें आगे बढने के लिए पढाई पर ध्‍यान देने को कहा. लेकिन आर्थिक दिक्‍कतों के बीच च्‍यो को घड़ी के काच शीशे बनाने वाले एक कारखाने में काम किया और इस कंपनी के निदेशक पद तक पहुंची.

इसके बाद उन्‍होंने बचत से जमा की गई थोड़ी बहुत राशि से तीन कमरों के एक मकान में अपनी कंपनी लेंस टेक्‍नालाजी शुरू की. और फिर कभी मुड़कर पीछे नहीं देखा. उनकी कंपनी में में आज 60,000 से अधिक लोग काम करते हैं. इसकी दस अनुषंगी कंपनियां हैं.

एक इस्‍तीफा: किशोरावस्‍था में ही च्‍यो ने काम की तलाश में घर छोड़ा और शेनचेन में एक काच प्रसंस्‍करण कंपनी में काम करने लगी. वहां उनके जिम्‍मे घडियों के लिए काच को आकार देने का काम आया. तीन महीने में ही वह इससे उब गई क्‍योंकि यह नीरस व उबाउ था. उन्‍होंने अपने अधिकारी को त्‍यागपत्र लिखा.

शायद कंपनी के सुपरवाइजर को उम्‍मीद नहीं थी कि किसी गांव से आई एक किशोरी इतना प्रभावी त्‍यागपत्र भी लिख सकती है और उसने च्‍यो की इच्‍छा को ध्‍यान में रखते हुए एक नया विभाग बनाकर उसका जिम्‍मा च्‍यो को सौंप दिया. थोड़े ही समय में वह इस कंपनी के पूरे विनिर्माण परिचालन की निदेशक हो गईं. और 22 साल की उम्र में, च्‍यो ने 1993 में अपनी कंपनी लेंस टेक्‍नालाजी शुरू करने का फैसला किया.

कमल की पत्तियां और बूंदें: एक पत्रिका को साक्षात्‍कार में छुनफइ ने बताया कि वह बचपन में कमल की पत्तियों पर बूंदों को गिरते देखती थीं. यह उनका प्रिय शगल था कि कैसे बूंदें, कमल के पत्ते पर एक भी निशान छोड़े बिना नीचे लुढक जाती हैं.

इसी से प्रेरित होकर उन्‍होंने अपनी कंपनी लेंस टेक्‍नालाजी का पेटेंटशुदा उत्‍पाद बनाया जो कि ऐसा काच है जिस पर खरोंच या निशान नहीं पड़ता है और इसका इस्‍तेमाल एप्‍पल के अनेक उत्‍पादों में होता है. यह भी सुनने में आया कि एप्‍पल ने अपनी बहुप्रचारित स्‍मार्टवाच में जिस काच का इस्‍तेमाल किया है वह च्‍यो की कंपनी ने ही बनाया है.

अभी वे शादीशुदा हैं और उनके पति कंपनी में वाइस चेयरमैन हैं. कंपनी 18 मार्च 2015 को शेयर बाजार में सूचीबद्ध हुई और इसके बाजार पूंजीकरण में अच्‍छा खासा उछाल देखने को मिला. [विभिन्‍न समाचारों पर आधारित,pic curtsy internet]

Author: sangopang

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