सब्सिडी छोड़ो अभियान (Give It Up campaign) का उद्देश्य देश के उन लोगों को सब्सिडीशुदा उत्पादों विशेषकर रसोई गैस को छोड़ने के लिए प्रोत्साहित करना है जो इसका खर्च उठाने में सक्षम हैं. यानी वित्तीय रूप से सक्षम लोगों को प्रोत्साहित करना कि वे सब्सिडीशुदा रसोई गैस कनेक्शन का लाभ नहीं लें. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के लिए इस अभियान को प्रधानमंत्री कार्यालय चला रहा है.
दरअसल प्रधानमंत्री मोदी ने 27 मार्च 2015 को नयी दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा संगम में सब्सिडी छोड़ो अभियान की औपचारिक शुरुआत की. उन्होंने कहा कि जो लोग समृद्ध हैं, जिन्हें जरूरत नहीं उन्हें सब्सिडी नहीं लेनी चाहिए. मोदी ने अमीरों को सब्सिडीशुदा एलपीजी कनेक्शन लौटाने को प्रेरित करने के संबंध में एक कार्यक्रम की शुरूआत की. उन्होंने कहा कि जो बाजार मूल्य पर एलपीजी सिलेंडर खरीद सकते हैं उन्हें सब्सिडी नहीं लेनी चाहिए.
मोदी ने इस अवसर पर बताया कि अब तक 2.8 लाख से अधिक उपभोक्ताओं ने एलपीजी सब्सिडी छोड़ी है जिससे सरकारी खजाने में 100 करोड़ रुपए की बचत हुई. इसके बाद दो अप्रैल 2015 को प्रधानमंत्री मोदी ने मुंबई में रिजर्व बैंक के एक कार्यक्रम में भी बैंकों व कंपनियों से कहा कि वे अपने कर्मचारियों को एलपीजी सब्सिडी छोड़ने को कहें. उन्होंने कहा कि अगर एक करोड़ लोग यह सब्सिडी लेना बंद करते हैं तो इतने ही गरीब परिवारों को स्वच्छ उर्जा का होगा.
देश में लगभग 15.3 करोड़ एलपीजी ग्राहक हैं. इस समय एक ग्राहक को साल में 12 गैस सिलेंडर (14.2 किलो वाले) या 34 मिनी सिलेंडर (पांच किलो वाले) सब्सिडीशुदा दर पर मिलते हैं.
कैसे छोड़ें सब्सिडी वाला सिलेंडर
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों ने मौजूदा एलपीजी ग्राहकों के लिए विकल्प पेश किया है कि वे अपने मौजूदा घरेलू एलपीजी कनेक्शन को गैर सब्सिडी वाले घरेलू कनेक्शन में बदल सकें. इसके लिए गैस वितरक के यहां लिखित आवेदन किया जा सकता है या आनलाइन यहां आवेदन किया जा सकता है.
आधिकारिक वेबसाइट mylpg.in के जरिए यह बहुत ही आसान है. यह वेबसाइट खुलने पर उपर ही उपर ‘एलपीजी सब्सिडी आनलाइन बंद करने के लिए क्लिक करें’. वहां आप एचपी, भारत गैस या इंडेन में से अपनी एजेंसी चुन सकते हैं और बाकी का काम निर्देश अनुसार करना होगा.
वैसे सब्सिडीशुदा एलपीजी सिलेंडर बंद करवाने के लिए आनलाइन आवेदन यहां किया जा सकता है.
टाटा समूह की अपील : हालांकि अंदर ही अंदर इस दिशा में प्रयास लंबे समय से चल रहे थे. पेट्रोलियम मंत्री धमेंद्र प्रधान की पहल पर पहले ही अनेक मुख्यमंत्री व अन्य वरिष्ठ हस्तियां अपने अपने सब्सिडीशुदा एलपीजी सिलेंडर लौटाने की घोषणा कर चुके थे. लेकिन उर्जा संगम में मोदी के अपील की अच्छी प्रतिक्रिया देखने को मिली. देश के प्रमुख औद्योगिक घराने टाटा ने अपने कर्मचारियों से इस दिशा में पहल करने को कहा. टाटा समूह ने अपने कर्मचारियों के नाम जारी अपील में कहा है कि जो कर्मचारी बिना सब्सिडी वाले सिलेंडर खरीदने में सक्षम हैं उन्हें सब्सिडी छोड़कर देशहित में काम करना चाहिए.
अनिल अंबानी ने 21 अप्रैल 2015 को अपने कर्मचारियों को भेजे पत्र में कहा कि रिलायंस समूह के शीर्ष प्रबंधन अधिकारियों ने प्रधानमंत्री मोदी के इस अभियान में निष्ठा दिखाते हुए पहले ही सब्सिडीशुदा एलपीजी छोड़ दी है. उन्होंने कंपनी के एक लाख कर्मचारियों से अपील की कि उनमें से जो सक्षम हैं वे भी इस अभियान से जुड़ें और सब्सिडीशुदा एलपीजी छोड़ें.
हां, मुकेश अंबानी, आनंद महिंद्रा, अनिल अग्रवाल, गौतम अडाणी, उदय कोटक व किशोर बियानी जैसे उद्योगपति पहले ही मोदी के इस अभियान का समर्थन कर चुके.