आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड ने 1992 में विश्व कप की संयुक्त मेजबानी की. यह पहला विश्व कप था जबकि खिलाड़ी रंगीन पोशाक पहनकर मैदान पर उतरे. विश्व कप में पहली बार नौ टीमों ने भाग लिया और इसलिये इसके प्रारूप में बदलाव करके ग्रुप चरण समाप्त कर दिया गया. यह टूर्नामेंट राउंड रोबिन आधार पर खेला गया जिसमें प्रत्येक टीम ने दूसरी टीम से एक.एक मैच खेला. दक्षिण अफ्रीका पर लगा प्रतिबंध समाप्त हो गया था और उसे पहली बार विश्व कप में खेलने का मौका मिला जबकि बाकी आठ टीमें वही थी जिन्होंने पिछले टूर्नामेंट में भाग लिया था.
राउंड रोबिन आधार पर चोटी पर रहने वाली चार टीमें न्यूजीलैंड, इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका और पाकिस्तान सेमीफाइनल में पहुंचे. पिछले तीन विजेता वेस्टइंडीज, भारत और आस्ट्रेलिया लीग चरण से ही बाहर हो गये. पाकिस्तान ने सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड को हराया और फिर फाइनल में इंग्लैंड को 22 रन से हराकर पहली बार चैंपियन बना. इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका के बीच सेमीफाइनल मैच में बारिश का नियम भी काफी चर्चा में रहा. तब दक्षिण अफ्रीका को 13 गेंद पर 22 रन बनाने थे लेकिन आखिर में उसे एक गेंद पर 21 रन बनाने का लक्ष्य मिला था.
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भारत के लिये यह टूर्नामेंट काफी निराशाजनक रहा और वह आठ में से केवल दो मैच ही जीत पाया, पांच मैच में उसे हार मिली जबकि श्रीलंका के खिलाफ मैच का परिणाम नहीं निकल पाया था. मोहम्मद अजहरूद्दीन की अगुवाई वाली भारतीय टीम ने पाकिस्तान को 43 रन और जिम्बाब्वे को 55 रन से हराया था.