कोयला खान (विशेष प्रावधान) विधेयक, 2015 [Coal Mines( Special Provisions) Bill 2015]को राज्यसभा ने 20 मार्च 2015 को मंजूरी दी. लोकसभा में इसे पहले ही मंजूरी मिल चुकी थी और इस तरह से इस विधेयक ने संसद की मंजूरी हासिल कर ली.
यह विधेयक सरकार द्वारा जारी किए गए अध्यादेश का स्थान लेगा. उच्चतम न्यायालय द्वारा 204 ब्लाकों का आवंटन निरस्त करने के बाद इस बारे में अध्यादेश पहली बार 21 अक्टूबर, 2014 को और फिर उसके बाद 26 दिसंबर, 2014 को जारी किया गया था. विधेयक पेश करते हुए कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि इस विधेयक का उद्देश्य कोयला खदानों का पारदर्शी आवंटन या नीलामी सुनिश्चित करना है.
कोयला खान (विशेष प्रावधान) विधेयक, 2015 के उद्देश्य व उसकी खास बातें निम्नलिखित हैं:-
विधेयक के उद्देश्य:
- • कोयला खानों का आवंटन करना और संबंधित भूमि तथा खान से जुड़े ढांचे के लिए सफल बोलीदाताओं व आवंटियों को अधिकार व हक देना ताकि कोयला खनन परिचालन तथा कोयले का उत्पादन लगातार जारी रह सके.
- • कोयला खानों की नीलामी अथवा उनके आवंटन के लिए तत्काल कदम उठाना ताकि इस्पात, सीमेंट एवं बिजली जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर कम से कम असर पड़े क्योंकि ये क्षेत्र राष्ट्र के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं.
- • कोयला खान (राष्ट्रीयकरण) अधिनियम, 1973 और खान व खनिज (विकास व नियमन) अधिनियम, 1957 में संशोधन करना ताकि कोयला खनन हेतु अंतिम उपयोग पर लगी पाबंदी को पात्रता से हटाया जा सके. हालांकि, कुछ खास कोल ब्लाकों के मामले में यह मान्य नहीं होगा.
विधेयक की खास बातें:-
- • 204 निरस्त ब्लॉकों को ‘अनुसूची-I कोयला खानों’ के रूप में परिभाषित किया गया है.
- • ‘अनुसूची-I कोयला खानों’ में से 42 उत्पादनरत व उत्पादन के लिए तैयार कोयला खानों को ‘अनुसूची-II कोयला खानों’ के रूप में परिभाषित किया गया है।
- • ‘अनुसूची-I कोयला खानों’ में से अन्य 32 काफी विकसित कोल ब्लॉकों को ‘अनुसूची-III कोयला खानों’ के रूप में परिभाषित किया गया है, जो विशेष अंतिम उपयोग से वास्ता रखते हैं (कुछ और खानों को अनुसूची-III में डाला जा सकता है).
- • केंद्र सरकार को यह अधिकार है कि वह ‘अनुसूची-I कोयला खानों’ में से चिन्हित खानों को विशेष अंतिम उपयोग वाली श्रेणी में डाल सकती है.
- • किसी कंपनी अथवा उसके संयुक्त उद्यम को नीलामी के जरिए आवंटन किया जाएगा.
- • सरकारी कंपनी अथवा उसके संयुक्त उद्यम (जेवी) के मामले में आवंटन बगैर नीलामी के ही कर दिया जाएगा.
- • नीलामी में भाग लेने के लिए पात्रता पर अंतिम उपयोग संबंधी कोई भी पाबंदी नहीं होगी हां, ‘अनुसूची-II एवं अनुसूची-III कोयला खानें’ इसमें शामिल नहीं हैं.