एक ऐसा शख्स जिसके पिता कोयले की खान में काम करते हों और जिसने अपनी शुरूआती क्रिकेट टेनिस गेंद से खेली हो वह एक दिन भारत की तरफ से टेस्ट क्रिकेट में नयी गेंद संभालेगा। यह वास्तव में भारत में ही संभव है। इस शख्स का नाम उमेश यादव है। अपनी किशोरावस्था में अधिकतर समय टेनिस गेंद से खेलने वाले उमेश को जब चमड़े की गेंद मिली तो वह बेहद उत्साहित हुए। वह 16 किमी की लंबी दौड़ लगाकर अभ्यास स्थल तक पहुंचते और फिर तेज गेंद फेंकने का अभ्यास करते। मेहनत रंग लायी और उन्हें विदर्भ की तरफ से रणजी ट्राफी में खेलने का मौका मिल गया। जो उमेश अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिये सेना में भर्ती होना चाहता था उसका करियर दूसरी तरफ ढल गया। वह आईपीएल के भी अहम हिस्सा बन गये।
प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पदार्पण के दो साल बाद ही उमेश को भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका भी मिल गया। भारत ने 2010 में जिम्बाब्वे दौरे के लिये अपने कई सीनियर खिलाड़ियों को विश्राम दे दिया था। उमेश को इस टीम में लिया गया और उन्हें बुलावायो में अपना पहला वनडे खेलने का भी मौका मिल गया। इसके डेढ़ साल बाद उन्होंने दिल्ली में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया। वह भारत की तरफ से खेलने वाले विदर्भ के पहले क्रिकेटर बन गये थे। उमेश हालांकि लगातार एक जैसा प्रदर्शन नहीं कर पाने और चोटों के कारण टीम से अंदर बाहर होते रहे। उन्होंने अब तक 12 टेस्ट मैचों में 43 विकेट लिये हैं। उन्हें आस्ट्रेलिया में खेलने का अच्छा अनुभव है जहां उन्होंने सात टेस्ट मैच खेले हैं। इन मैचों में उन्होंने 25 विकेट लिये हैं लेकिन उनका औसत 43.96 है जिसे खराब कहा जाएगा।
उमेश यादव की खासियत यह है कि वह काफी तेजी से गेंद करते हैं और अभी भारत की तरफ से सबसे तेज रफ्तार से गेंद करने वाले गेंदबाज हैं। एक बार उन्होंने 154 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से भी गेंद की थी। वह लगातार 140 किमी से अधिक तेजी से गेंदबाजी करने में सक्षम हैं। इसके अलावा उनकी शार्ट पिच गेंदें काफी कारगर साबित होती हैं।
25 अक्तूबर 1987 को जन्में उमेश ‘विकेट टु विकेट’ गेंदबाजी करते हैं और ऐसे में कभी वह बेहद महंगे साबित हो जाते हैं। आस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी टेस्ट मैच में तीन ओवर में 45 रन लुटाने के कारण उनकी काफी किरकिरी हुई थी लेकिन उम्मीद है कि उमेश अब इसको भुलाकर विश्व कप में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश करेंगे। वह पहली बार विश्व कप में भाग ले रहे हैं। उन्होंने वनडे में अब तक 40 मैच खेले हैं जिसमें 36.44 की औसत से 49 विकेट लिये हैं। उनका इकोनोमी रेट 5.90 है जिसे कि प्रभावशाली नहीं कहा जा सकता है।