केंद्र सरकार विभिन्न प्रकार की प्राकृतिक आपदाओं से कृषि व बागवानी फसलों को होने वाले नुकसान पर किसानों को सहायता देती है. यह सहायता, राजसहायता यानी सब्सिडी देती है. यह सब्सिडी कृषि सामग्री/आदान इनपुट सब्सिडी के रूप में दी जाती है और वहीं दी जाती है जहां फसलों को नुकसान 50 प्रतिशत या इससे अधिक हुआ हो.
इसके साथ ही बताते चलें कि यह सब्सिडी राज्य आपदा अनुक्रिया कोष (एसडीआरएफ)व राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया कोष (एनडीआरएफ) के तहत प्रदान की जाती है.
इसके तहत किसानों को सहायता इस प्रकार दी जाती है:- वर्षा सिंचित फसलों के लिए 4500 रुपए प्रति हैक्टेयर. इसी तरह बीमित सिंचित फसलों के लिए 9000 रुपए प्रति हैक्टेयर की सब्सिडी दी जाती है लेकिन इसमें शर्त है कि न्यूनतम सब्सिडी राशि 750 रुपए से कम नहीं होगी तथा यह बुवाई क्षेत्र तक सीमित होगी. वहीं सभी तरह की बारहमासी फसलों को 50 प्रतिशत से अधिक नुकसान की स्थिति में 12000 रुपए प्रति हेक्टेयर की सब्सिडी या राजसहायता दी जाती है.
डीजल सब्सिडी: डीजल सब्सिडी किसानों को सिंचाई जल की कम उपलब्धता की स्थिति में डीजल पंपों के जरिए सिंचाई में मदद के लिए शुरू की गई थी.
दक्षिण-पश्चिम मानसून-2014 के दौरान कम/अल्प वर्षा की स्थिति व खरीफ-2014 के दौरान इसके संभावित प्रभाव के दृष्टिगत भारत सरकार ने कम वर्षा वाले क्षेत्रों में किसानों के लिए डीजल राजसहायता स्कीम शुरू की ताकि खड़ी फसलों को डीजल पंप सेटों से सिंचाई की जा सके.