डीके रवि

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भारतीय प्रशासनिक सेवा आईएएस के अधिकारी डीके रवि (D K Ravi) ने 16 मार्च 2015 को कथित रूप से बेंगलुरू में आत्महत्या कर ली. वे आम लोगों में बहुत लोकप्रिय रहे थे. उनकी मौत के मामले की जांच सीबीआई कर रही है. राज्य सरकार ने पहले मामले की जांच सीआईडी से करवाई थी.

रवि वाणिज्य कर विभाग में संयुक्त आयुक्त के पद पर तैनात थे और बताया जा रहा है कि इस पद पर रहते हुए उन्होंने कर चोरी के आरोप में कई जगह छापे मारे थे. इससे पहले वे कोलार जिले में उपायुक्त थे और अपनी बेदाग व निडर छवि के कारण लोगों में बहुत लोकप्रिय हुए. वे भू माफियाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए भी चर्चित रहे.

डीके रवि (Doddakoppalu Kariyappa Ravi) का जन्म 10 जून 1979 को हुआ और वे 2009 के कनार्टक बैच के आईएएस अधिकारी थे. उनकी शिक्षा दीक्षा बेंगलूरू व दिल्ली में हुई. उनकी पत्नी डी के कुसुम हैं.

डीके रवि की मौत के कारणों की जांच को लेकर बवाल चल रहा है. राज्य सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने से इनकार कर दिया. इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने 19 मार्च 2015 को लोकसभा में एक वक्तव्य में कहा कि कर्नाटक के इस आईएएस अधिकारी की मृत्यु के मामले में यदि राज्य सरकार सीबीआई जांच की सिफारिश करती है तो केेंद्र सरकार इसके लिए तैयार है.

सिंह ने बताया कि सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल उनसे मिला और सीबीआई जांच करने की जांच की मांग की.

वहीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 20 मार्च को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया को सलाह दी कि डीके रवि की कथित आत्महत्या के मामले की जांच सीबीआई को सौंप देनी चाहिए.

हालांकि बीच में एक नया मोड़ यह आया जबकि पुलिस ने कहा कि डीके रवि ने अपनी कथित आत्महत्या से पहले एक महिला आईएएस अधिकारी को दिन में 44 बार फोन किया. खबरों में उक्त महिला अधिकारी को यह भी कहते बताया गया कि वह रवि उन्हें परेशान कर रहे थे. रवि व यह महिला अधिकारी 2009 यानी एक ही बैच के थे और तभी से एक दूसरे को जानते थे.

जांच सीबीआई को: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने 23 मार्च को डीके रवि की मौत की जांच सीबीआई को सौंपने की घोषणा राज्य विधानसभा में की. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने यह फैसला ‘अधिकारी के माता-पिता के प्रति सम्मान दिखाते हुए किया है, न कि राजनीति कर रहे विपक्ष की मांग पर.’

एक अप्रैल 2015 को एक गैर सरकारी संगठन यानी एनजीओ विश्व कन्नड समाज ने बेंगलुरू पुलिस से आग्रह किया कि वह कथित रूप से साक्ष्य मिटाने के मामले में डी के रवि के ससुर हनुमंतरयप्पा (Hanumantharayappa) के खिलाफ जांच करे. एनजीओ का आरोप है कि सीआईडी पुलिस ने रवि के घर पर लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खराब कर दिए लेकिन हनुमंतरयप्पा ने इसकी शिकायत नहीं की.

सीबीआई का जांच से इनकार: केंद्रीय जांच ब्यूरो यानी सीबीआई ने छह अप्रैल 2015 को कहा कि वह कनार्टक सरकार द्वारा तय शर्तों के हिसाब से इस मामले में जांच नहीं कर सकती. खबरों के अनुसार सीबीआई को इस बात पर आपत्ति थी कि राज्य सरकार यह तय करना चाह रही है कि सीबीआई इस मामले में क्या क्या जांच करे और वह भी तीन महीने की अवधि में.

इसके बाद शाम को ही राज्य सरकार ने इस बारे में अपनी अधिसूचना फिर से जारी की जिसमें समयसीमा व अन्य शर्तें हटा दी गईं. राज्य के गृह मंत्री के जे जार्ज ने कहा कि राज्य सरकार ने सीबीआई को ‘पूरी आजादी’ देते हुए बिना किसी समयसीमा के जांच करने को कहा है. [pic curtsy internet]

Author: sangopang

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