राहुल गांधी का राजनीतिक अवकाश

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16वीं लोकसभा के पहले बजट सत्र के दौरान कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी की अनुपस्थिति को लेकर काफी चर्चा रही. फरवरी 2015 में जब संसद का बजट सत्र शुरू हुआ तो राहुल गांधी संसद में नहीं दिखे. इसके बाद अचानक मीडिया में खबरें आईं वे ‘राजनीतिक अवकाश’ पर चले गए हैं और इसको लेकर विशेषकर सोशल मीडिया पर काफी टीका​ टिप्पणी की गई. राहुल गांधी लगभग 56 दिन के राजनीतिक अवकाश के बाद 17 अप्रैल 2015 को वापस लौटे. वे थाई एयरवेज से बैंकांक से लौटे.

दरअसल राहुल गांधी का सक्रिय राजनीति से कुछ दिनों का अवकाश लेने का फैसला ऐसे समय में आया जबकि कांग्रेस पार्टी के अस्तित्व पर संकट के गहरे बादल मंडरा रहे हैं. लोकसभा के बाद दिल्ली के महत्वपूर्ण विधानसभा चुनावों में पार्टी की करारी हार हुई.

यह अलग बात है कि राहुल गांधी से पहले जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी भी कुछ दिन का ‘राजनीतिक अवकाश’ ले चुके हैं. राहुल गांधी के इस तरह अज्ञातवास पर चले जाने को लेकर काफी कयास लगाए गए. कुछ लोगों ने इसे पारिवारिक/ पार्टी की खींचतान का नतीजा बताया तो कुछ ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष का कार्यभार संभालने की तैयारी के लिए वे ‘आत्ममंथन’ करने गए हैं.

कांग्रेस की ओर से कहा गया कि वे अपने जीवन की नयी यात्रा शुरू करने से पहले विदेश गए हैं.

दिल्ली पुलिस की जांच : इसी बीच 14 मार्च 2015 को अखबारों में खबर आई कि दिल्ली पुलिस ने राहुल गांधी के घर जाकर उनके हुलिए के बारे में पूछताछ की. इसको लेकर भी खूब चर्चा हुई. दिल्ली पुलिस ने माना कि उसका एक अधिकारी राहुल गांधी के घर गया था. कांग्रेस ने इस पर गहरी आपत्ति जताते हुए इसे ‘राजनीतिक जासूसी’ क़रार दिया और संसद में यह मामला उठाने की कोशिश की.

दिल्ली पुलिस के कमिशनर बीएस बस्सी ने इसे नियमित प्रक्रिया का हिस्सा बताते हुए 14 मार्च को कहा-‘दिल्ली पुलिस विशिष्ट व्यक्तियों की सुरक्षा के लिए समय-समय पर इस तरह की जांच करती है.’ इसे पुलिस की सेफ्टी आडिट बताया गया.

राजनेताओं की प्रोफाइलिंग: राजनेताओं का ब्यौरा तैयार करवाने या प्रोफाइलिंग से आशय उनका बारे में ब्यौरा जुटाना है. यह सुरक्षा प्रक्रिया है जिसके तहत विशिष्ट नेताओं का ब्यौरा लिया जाता है. यह प्रक्रिया 1957 से शुरू हुई थी और इसके तहत अब तक मार्च 2015 तक 526 अति विशिष्ट लोगों का व्यक्तिगत ब्यौरा लिया जा चुका है. अब तक जिन नेताओं का ब्यौरा लिया गया है उनमें प्रणब मुखर्जी, नरेंद्र मोदी, अटल बिहारी वाजपेयी, एल. के. आडवाणी, एचडी देवगौड़ा, आई. के. गुजराल, सोनिया गांधी, शीला दीक्षित, अमित शाह शामिल है.

सरकार की ओर से एम वेंकैया नायडू ने 16 मार्च को संसद में यह जानकारी दी गई और उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा राजनीतिक जासूसी करवाए जाने के आरोपों का खंडन किया.

नायडू ने बताया कि नेताओं से जुड़ी जानकारी एकत्र करने का प्रोफॉर्मा 1999 में संशोधित किया गया. 1999 में दिल्ली पुलिस ने इसमें ड्रेस और जूतों, मूंछ/दाढ़ी, बालों का रंग, शरीर पर विशेष पहचान चिन्ह, चाल-ढाल, शिक्षा और जन्मतिथि को शामिल किया था.

वापसी: राहुल गांधी लगभग 56 दिन के राजनीतिक अवकाश के बाद 17 अप्रैल 2015 को वापस लौटे. वे थाई एयरवेज से बैंकांक से लौटे. इसके कुछ ही दिन बाद 19 अप्रैल को कांग्रेस किसानों के मुद्दे पर बड़ी रैली करने वाली थी. [pic curtsy internet]

Author: sangopang

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