गूगल ने कुछ कंपनियों के साथ मिलकर नवम्बर, 2014 एक समूह भारतीय भाषा इंटरनेट गठबंधन या इंडियन लैंग्वेज इंटरनेट एलायंस (indian language internet alliance) की स्थापना की घोषणा की. कंपनी का कहना है कि यह समूह आनलाइन भारतीय भाषा सामग्री के विकास को बढ़ावा देगा. इस समूह को उम्मीद है कि इस प्रयास से 30 करोड़ भारतीय भाषी 2017 तक इन्टरनेट का अधिक इस्तेमाल कर सकेंगे.
इस समूह में गूगल के साथ एबीपी न्यूज़, अमर उजाला पब्लिकेशन्स लिमिटेड, सी-डैक, डीबी डिजिटल, फ्रिसटच, हिनखोज, जागरण प्रकाशन लिमिटेड, लिंग्वा नेक्स्ट टेकनोलोजीज़ प्राइवेट लिमिटेड, एनडीटीवी, नेटवर्क 18, वन इंडिया डाट काम, पत्रिका समूह, प्रोसेस नाईन टेकनोलोजीज प्राइवेट लिमिटेड, प्रोस्ट इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड, रेवरी लैंगवेज टेकनोलोजीज लिमिटेड, टाईम्स इन्टरनेट लिमिटेड, वेर से इनोवेशन/ न्यूज हंट, बेबदुनिया डाट काम शामिल है.
यह समूह उन लाखों भारतीयों के लिए भारतीय भाषा सामग्री को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहा है जो कि इंटरनेट पर आते हैं.
एक अध्ययन के अनुसार दिसंबर 2014 तक देश में 20 करोड़ इंटरनेट उपयोगकर्ता थे जो तकरीबन देश की 16 फीसदी आबादी है. देश में अंग्रेज़ी भाषा बोलने वाले 19.8 करोड़ लोग पहले से आनलाईन आते हैं. शेष 90 फीसदी भारतीय जो आनलाइन नहीं आते हैं. वे अंग्रेज़ी भाषा नहीं जानते.