इस साल कैलाश मानसरोवर यात्रा पहली बार दो मार्ग से होगी. यह यात्रा इस साल 8 जून से 9 सितंबर, 2015 के दौरान होगी. उत्तराखंड में लिपूलेख दर्रे के रास्ते वर्तमान मार्ग पर 60-60 तीर्थ यात्रियों के 18 जत्थे होंगे; 50-50 यात्रियों के पांच जत्थे सिक्किम में नाथू ला के रास्ते खुलने वाले नए मार्ग का इस्तेमाल करेंगे.
साल 1981 में यह यात्रा दोबारा शुरू होने के बाद पहली बार यह यात्रा दो मार्गों से की जाएगी.
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की 31 जनवरी से 3 फरवरी, 2015 तक चीन यात्रा के दौरान दोनों पक्षों ने नाथू ला के रास्ते यात्रा करने के संबंध में औपचारिकताएं तय की. नाथू ला के रास्ते यात्रा 18 जून, 2015 से शुरू होगी. नया रास्ते से कैलाश परिक्रमा के अलावा पैदल चढ़ाई नहीं करनी पड़ेगी. सरकार का कहना है कि इससे कैलाश मानसरोवर की यात्रा करने की अनेक बुजुर्ग तीर्थयात्रियों की इच्छा पूरी हो सकेगी.
इसके लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इसकी वेबसाइट (http://kmy.gov.in) है. सरकार का कहना है कि वेबसाइट के जरिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 10 अप्रैल, 2015 है. यात्रियों का चयन खुले, निष्पक्ष, आकस्मिक और लिंग संतुलन के आधार पर कंप्यूटर से किया जाएगा. सरकार का कहना है कि इसमें पहली बार आवेदन करने वालों, वरिष्ठ नागरिकों, डाक्टरों और विवाहित दंपत्ति को प्राथमिकता दी जाएगी. नाथू ला मार्ग पर बुजुर्ग तीर्थ यात्रियों को प्राथमिकता दी जाएगी.
स्वराज ने 20 फरवरी 2015 को कैलाश मानसरोवर यात्रा-2015 की वेबसाइट शुरू की. विदेश मंत्री ने यात्रियों के लिए एक नए यात्रा हेल्पलाइन नंबर (011-24300655) भी शुरू किया.
यात्रा की वेबसाइट (http://kmy.gov.in) हिन्दी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में है और इसमें ऑनलाइन पंजीकरण, आवेदन जमा करने और चढ़ाई के बारे में व्यवस्था है; यात्रा शुरू करने के लिए यात्रियों को एसएमएस और ईमेल के जरिए एक विशिष्ट यात्रा पंजीकरण नंबर मिलेगा. यात्री अपने आवेदन की स्थिति के बारे में वेबसाइट के जरिए किसी भी समय जानकारी ले सकते हैं. हेल्पलाइन इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पोंस सिस्टम (आईवीआरएस) पर आधारित है और यह हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में यात्रियों के सवालों का जवाब देगी.