यदि गेंद बल्लेबाज के कपड़ों या पैड के अंदर फंस जाए या गेंदबाज के हाथ से फिसलकर आउटफील्ड में चली जाए तो अंपायर उसे डेड बाल करार (dead ball) देता है. गेंद जब सुरक्षित विकेटकीपर के हाथों में चली जाती है और रन लेने का प्रयास नहीं किया जा रहा हो तो गेंद स्वतः ही डेड हो जाती है. पहली बार इस तरह की गेंद का जिक्र 1978 में किया गया.