हिंदी फिल्म इतिहास के सर्वश्रेष्ठ निर्देशकों में से एक हृषिकेश मुखर्जी दर्शकों को हमेशा स्वस्थ और सुरुचिपूर्ण मनोरंजन देने के लिए जाने जाते हैं. उनकी फिल्में और किरदार दर्शकों को अपने से लगते है. ऋषि दा की फिल्में कल्पना जगत की सैर नहीं करवाती बल्कि जिन्दगी की खट्टी मीठी बातों को सिनेमा के रुपहले पर्दे पर बेहद कुशलता से प्रस्तुत करती हैं. वर्ष 1971 में प्रदर्शित गुड्डी (guddi) भी ऐसी ही एक फिल्म थी.
फिल्म की कहानी किशोर मन पर पड़ने वाले फिल्मों के प्रभाव , फ़िल्मी सितारों की दीवानगी और उसके दुष्प्रभावों को बेहद खूबसूरती से बयां करती है. ” गुड्डी ” एक किशोरी गुड्डी ( जया भादुड़ी ) की कहानी थी जो फिल्मस्टार धर्मेन्द्र की बहुत बड़ी प्रशंसक है. फिल्म की कहानी और संवाद गुलज़ार ने लिखे और स्क्रीनप्ले लिखने में उनका साथ दिया ऋषिकेश मुखर्जी और डी.एन. मुखर्जी ने.
फिल्म में मुख्य भूमिकाओं में थे धर्मेन्द्र, जया भादुड़ी ( मुख्य भूमिका में पहली हिंदी फिल्म ), सुमिता सान्याल, उत्पल दत्त, विजय शर्मा, समित, ऐ.के. हंगल, असरानी, आरती, केश्टो मुखर्जी और ललिता कुमारी. गुड्डी की विषय वस्तु क्योंकि फिल्म जगत आधारित थी इसलिए बॉलीवुड के लगभग हर बड़े सितारे ने फिल्म में अपनी झलक दिखाई. दिलीप कुमार, अमिताभ बच्चन, राजेश खन्ना, अशोक कुमार, विनोद खन्ना, शत्रुघ्न सिन्हा, विश्वजीत, माला सिन्हा, ओमप्रकाश, प्राण, विम्मी और नवीन निश्चल फिल्म में अतिथि भूमिका में थे.
फिल्म के गीत गुलज़ार के थे और संगीत दिया वसंत देसाई ने. ” बोले रे पपीहरा ” और ” हमको मन की शक्ति देना ” जैसे गीत आज भी संगीत प्रेमियों की स्मृति में ताज़ा हैं. बॉक्स ऑफिस पर ” गुड्डी ” ने अच्छा व्यवसाय किया.