वर्ष 2003 में निर्मित और वर्ष 2005 में भारत में प्रदर्शित फिल्म ” हज़ारों ख्वाहिशें ऐसी ” (hazaron khwahishen aisi) का निर्माण प्रीतीश नंदी ने किया और फिल्म का निर्देशन किया सामानांतर सिनेमा के जाने माने नाम सुधीर मिश्र ने. ” हज़ारों ख्वाहिशें ऐसी ” आपातकाल की कहानी कहती है. उस समय के नौजवानों में सुलग रहे आक्रोश और सक्रांति काल से गुजरते देश के मिज़ाज को सुधीर मिश्रा ने बेहद खूबसूरती से बयां किया है. फिल्म की कहानी लिखी सुधीर मिश्रा, शिवकुमार सुब्रमनियम और रूचि नारायण ने.
अपनी गंभीर विषय वस्तु के चलते फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर कामयाबी नहीं मिली पर फिल्म समीक्षकों और कला फिल्मों के शौक़ीन दर्शकों ने फिल्म को हाथो हाथ लिया. फिल्म में मुख्य भूमिकाओं में थे के. के. मेनन, शाईनी आहूजा, चित्रांगदा सिंह, यशपाल शर्मा, सौरभ शुक्ला, राम कपूर, अनुपम श्याम, सत्यजीत शर्मा, सोहराब अर्दिशर, आरिफ ज़कारिया, अखिल मिश्र और संजय सिंह ने.
फिल्म का संगीत शांतनु मोइत्रा का था और गीत लिखे स्वानंद किरकिरे और अजय झिन्गरान ने. फिल्म में मिर्ज़ा ग़ालिब और बिहारी ठाकुर की रचनाओं का भी प्रयोग किया गया. ” बांवरा मन ” और ” हजारों ख्वाहिशें ऐसी ” जैसे गीत संगीत प्रेमियों को खूब भाये. फिल्म के लिए शाईनी आहूजा को सर्वश्रेष्ठ पदार्पण का फिल्मफेयर पुरस्कार प्राप्त हुआ. हालांकि फिल्म को व्यावसायिक सफलता नहीं मिली पर अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोहों में फिल्म को दर्शको ने खूब पसंद किया.