किसी कंपनी के सार्वजनिक निर्गम के समय यह शब्द अंडरराइटर सामने आता है. हिंदी में इसके लिए एक शब्द अभिगोपक भी इस्तेमाल किया जाता है. वैसे अंडरराइटर वह व्यक्ति, फर्म या बैंक होता है जो किसी कम्पनी के सार्वजनिक निर्गम यानी पब्लिक इश्यू में निर्गमित शेयरों का पूर्ण अभिदान न होने की स्थिति में बचे शेयरों को स्वयं खरीदता है. या कि बचे शेयरों के लिए पूंजी अंडर राइटर जुटाता है और इसके लिए कंपनी कमीशन दिया जाता है.
हम इसे यूं भी कह सकते हैं कि अंडरराइट या अभिगोपन क्रय-बीमा के समान है. इसमें अंडराइटर किसी सार्वजनिक निर्गम में कंपनी के अनबिके शेयर खरीदने के लिए तैयार रहता है. कंपनियां सार्वजनिक निर्गम लाते समय विवरणिका में यह भी बताती हैं कि उनका अंडरराइटर कौन है.