किसानों से खाद्यान्न की जगह नील की जबरिया खेती कराये जाने के मामले को लेकर गांधी जी दस अप्रैल 1917 को मुजफ्फरपुर पहुंचे थे.
दरअसल अंग्रेज चंपारण में भूमिहीन किसानों, बंधुआ मज़दूरों को खाद्यान्न की खेती की जगह नील की खेती करने को मजबूर कर रहे थे और उन्हें इसके लिए मामूली मुआवजा मिलता था. किसान बदहाल थे.