युवा कवि अंकुर मिश्र का जन्म 13 जुलाई 1980 को हुआ. जन्म से ही वे एक बेचैन प्रतिभा थे. दिल्ली विश्वविद्यालय से 2001 में उन्होंने इतिहास आनर्स किया था. रामजस कालेज में पढते हुए वहां की नाट्य संस्था ‘शून्य’ के वे अध्यक्ष थे. कविता और संगीत की ओर उनका झुकाव आरंभ से था चूंकि परिवार में इसके अनुकूल वातावरण था.
यूं अपनी रचनात्मक गतिविधियों को वे जाहिर नहीं करते थे. वह हिंदी और अंग्रेजी में सधी हुई कविताएं लिखते हैं इसका पता उनके परिजनों को उनकी आकस्मिक मृत्यु के बाद उनकी डायरी देखने पर चला.
अंकुर की कविताएं अपने अस्तित्व के तलाश की कविताएं हैं –
‘ मैं उन गहराइयों और उंचाइयों के
निर्वात में चकाचौंध
अपने अस्तित्व की तलाश में
भटक रहा हूं ‘
उनकी मृत्यु 20 अगस्त 2001 को हुई. मृत्यु के बाद उनके परिजनों ने उनके नाम पर ‘अंकुर मिश्र फाउंडेशन’ की स्थापना की जो कविता के क्षेत्र में उभरती प्रतिभाओं को ‘अंकुर मिश्र सम्मान’ देता है.