नकदी व्यापार या कैश ट्रेडिंग (cash trading) में मार्जिन के इस्तेमाल की परवाह किए बिना सौदे के लिए जरूरी राशि देते हुए शेयरों की खरीदो फरोख्त की जाती है.
इस तरह के कारोबार में शेयर सर्टिफिकेट तथा नकद राशि का लेन-देन अगली समायोजन तिथि से पहले हो जाना चाहिए. जब दलालों के सभी कैश ट्रेडिंग के लेन-देनों का समायोजन हो जाता है तो इसे समायोजन तिथि कहा जाता है. यह 14 दिन से अधिक नहीं हो सकती.
मार्जिन ट्रेडिंग में मार्जिन मायने रखता है. कैश ट्रेडिंग को मार्जिन ट्रेडिंग से अलग इसलिए भी रखा जा सकता है कि इसमें खाताधारक सौदे के लिए ब्रोकर से धन नहीं ले सकता.
इसके अलावा इसमें जोखिम केवल निवेश की गई नकदी तक सीमित रहता है इसलिए कैश ट्रेडिंग में जोखिम मार्जिन ट्रेडिंग से कम होता है.