दसवीं पंचवर्षीय योजना (2002- 07) में जीडीपी वृद्धि दर 7.7 प्रतिशत रही. इस योजना का उद्देश्य ‘देश में गरीबी और बेरोजगारी समाप्त करना’ तथा ‘अगले दस वर्षों में प्रति व्यक्ति आय दोगुनी करना’ था.
योजना के दौरान प्रतिवर्ष 7-5 अरब डालर के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का लक्ष्य रखा गया. योजना अवधि में पांच करोड़ रोजगार अवसर सृजन सहित साक्षरता, शिशु मृत्य-दर, वन विकास के बड़े लक्ष्य रखे गए.
दसवीं पंचवर्षीय योजना को इस लिहाज से भी उल्लेखनीय माना जा सकता है कि भारत उच्च (सात प्रतिशत से अधिक) वृद्धि दर यानी ग्रोथ रेट की पटरी पर आ गया. इस योजना में 7.7 प्रतिशत की औसत सालाना वृद्धि दर अब तक किसी योजना में ‘सर्वोच्च वृद्धि दर’ थी.
इस दौरान देश ने अर्थव्यवस्था के तीनों प्रमुख क्षेत्रों- कृषि, उद्योग व सेवा में उल्लेखनीय प्रदर्शन किया. सकल घरेलू बचत बढ़ी तो मुद्रास्फीति भी 5.02 प्रतिशत के दायरे में आरामदायक स्तर पर रही.