नौवीं पंचवर्षीय योजना (1997- 2002) को वृद्धि दर लक्ष्य के हिसाब से सफल योजना नहीं कहा जा सकता क्योंकि इस दौरान जीडीपी विकास दर 5.5 प्रतिशत रही जबकि इसके लिए लक्ष्य साढे छह प्रतिशत का था.
फिर भी इस योजना अवधि में ‘न्यायपूर्ण वितरण व समानता के साथ विकास’ पर जोर दिया गया. क्षेत्रीय संतुलन जैसे मुद्दे को भी इस योजना में विशेष स्थान दिया गया.
नौवीं योजना में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए भुगतान संतुलन सुनिश्चित करना, विदेशी ऋणभार में कमी भी लाना, खाद्यान्नों व प्रौद्योगिकी के मामले में आत्मनिर्भरता हासिल करने आदि पर ध्यान केंद्रित किया गया.