छठी पंचवर्षीय योजना (1980-85) का मुख्य उद्देश्य गरीबी उन्मूलन और रोजगार में वृद्धि था. योजना में विकास के लक्ष्य 5.2 प्रतिशत के बाद सफलतापूर्वक 5.4 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर हासिल की गई.
इस दौरान समन्वित ग्रामीण विकास कार्यक्रम, जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम शुरू किये गए.
इस योजना को देश में आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत भी माना जा सकता है जबकि कीमतों पर से नियंत्रण हटा दिया गया और राशन की दुकानें बंद कर दी गईं.
परिवार कल्याण का विवादास्पद अभियान इसी दौरान आया. जनता पार्टी सरकार द्वारा बनाए गए रोलिंग प्लान (1978-83) को समाप्त कर यह योजना शुरू की गई थी. गरीबी उन्मूलन पर पहली बार जोर दिया गया.