योजना कार्यान्वयन के लिहाज से 1966-67 से 1968-69 को योजना अवकाश (planning break) कहा जाता है. यानी इस दौरान पंचवर्षीय योजनाएं नहीं थीं.
इस अवधि में तीन वार्षिक योजनाएं तैयार की गईं. इसमें कृषि तथा सम्बद्ध क्षेत्र और उद्योग क्षेत्रों को समान प्राथमिकता दी गई. योजना अवकाश का प्रमुख कारण भारत-पाक युद्ध तथा सूखे के कारण संसाधनों की कमी, मूल्य-स्तर में वृद्धि रही.