वेंकटपति राजू के पास था एक्यूरेसी का हथियार

बायें हाथ के स्पिनर वेंकटपति राजू (venkatapathy raju) के पास बिशन सिंह बेदी जैसी फ्लाइट नहीं थी लेकिन अपनी एक्यूरेसी के कारण वह बल्लेबाजों को खासा परेशान करते थे.

नौ जुलाई 1969 को हैदराबाद में जन्में राजू बहुत दुबले हैं लेकिन उनका उपनाम ‘मसल्स‘ है. राजू को हमेशा भारतीय टीम में नियमित स्थान के लिये जूझना पड़ा और वह हमेशा टीम से अंदर बाहर होते रहे.

उन्होंने 1993 में इंग्लैंड के खिलाफ 16 और फिर श्रीलंका के खिलाफ भी तीन टेस्ट मैच में 16 विकेट हासिल किये. इनमें से अहमदाबाद में तीसरे टेस्ट मैच में उन्होंने 125 रन देकर 11 विकेट लिये थे. इसके बाद उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ 20 विकेट लिये थे.

एक समय कुंबले और राजेश चैहान के साथ वह भारत की नयी स्पिन तिकड़ी का हिस्सा थे. राजू ने 28 टेस्ट मैच में 93 विकेट और 53 वनडे में 63 विकेट लिये. उन्हें हालांकि हमेशा भारतीय पिचें ही रास आयी. यही वजह है कि भारत में उन्होंने 16 टेस्ट मैच में 71 जबकि विदेशी धरती पर 12 मैचों में केवल 22 विकेट लिये.

राजू ने 177 प्रथम श्रेणी मैचों में 589 विकेट हासिल किये. उन्होंने 2004 में प्रथम श्रेणी क्रिकेट से संन्यास लिया.

Author: sangopang

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